अध्यात्म

कामाख्या मंदिर में आयोजित होने वाले मेले में देशभर से पहुंचते हैं तांत्रिक, इस वजह से

कामाख्या माता मंदिर असम राज्य में स्थित है। इस मंदिर में हर साल मेले का आयोजन किया जाता है और लाखों की संख्या में लोग ये मेला देखने के लिए आते हैं। इस मेले को अंबूवाची मेले के नाम से जाना जाता है और ये मेला इस साल  22 से 26 जून तक चलने वाला है। कामाख्या देवी मंदिर में आयोजित होने वाला ये मेला काफी भव्य होता है और इस मेला को देखने के लिए दूर-दूर से लोग इस मंदिर में आते हैं।

मंदिर में नहीं होती है पूजा

असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित कामाख्या देवी मंदिर देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है और ये मंदिर देवी सती को समर्पित है। इस मंदिर में आयोजित होने वाले अंबूवाची मेले के दौरान इस मंदिर में पूजा नहीं की जाती है। स्थानीय लोगों के अनुसार जब अंबूवाची मेला शुरू होता है तो चार दिनों तक मंदिर के गर्भ गृह में पूजा-अर्जना नहीं की जाती है। यानी इस साल 22 जून से 24 जून तक ये मंदिर बंद रहेगा है और 25 जून की सुबह मंदिर के कपट खोले जाएंगे और मां की पूजा की जाएगी।

तंत्र विद्या से जुड़ा है ये मंदिर

इस मंदिर में कामाख्या मां की पूजा की जाती है और ये मंदिर तंत्र विद्या से जुड़ा हुआ है। जिसकी वजह से अंबूवाची मेले के दौरान तंत्र विद्या में सिद्धि प्राप्ति करने के लिए इस मंदिर में कई सारे तांत्रिक आते हैं और पूजा करते हैं।

प्रसाद के रूप में मिलता है कपड़ा

जो भक्त इस मंदिर में जाते हैं उन्हें प्रसाद के रूप में एक गीला कपड़ा दिया जाता है और इस कपड़े को अम्बुवाची वस्त्र के नाम से जाना जाता है। दरअसल मेले के दौरान जब मंदिर को बंद किया जाता है तो मां की मूर्ति के पास एक सफेद रंग का कपड़ा बिछाया जाता है। पांचवें दिन जब मंदिर को खोला जाता है तो ये कपड़ा माता के रज से लाल रंग से भीगा होता है। जिसके बाद इस कपड़े को प्रसाद के रूप में भक्तों को बांटा जाता है।

इस मंदिर में माता के दर्शन करने के बाद भक्त उमानंद भैरव के मंदिर भी जरूर जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में जाने के बाद ही कामाख्या देवी की यात्रा पूरी होती है।

रखें इन बातों का ध्यान

अंबूवाची मेले के दौरान इस मंदिर में जाते समय कई तरह की बातों का ध्यान भी रखना पड़ता है। इस मंदिर के पास ही एक नदी स्थित है। इस नदी में अंबूवाची मेले के दौरान स्नान नहीं किया जाता है। साथ में ही इस मंदिर के पास वाली जगहों पर जमीन नहीं खोदी जाती है और ना ही मंदिर में शंख और घंटी बजाई जाती है।

कैसे पहुंचे इस मंदिर

कामाख्या मंदिर असम की राजधानी गुवाहाटी से थोड़ी ही दूरी पर स्थित। आप गुवाहाटी रेल, बस या वायु मार्ग से पहुंच सकते हैं। गुवाहाटी में पहुंचने के बाद आपको वहां से कामाख्या माता मंदिर जाने के लिए बस या टैक्सी आसानी से मिल जाएगी। गुवाहटी से ये मंदिर महज 8 किलोमीटर की दूरी पर है और ये मंदिर नीलाचल पर्वत पर स्थित है।

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