अध्यात्म

जानिए कब है मां बगलामुखी जयंती? इस विधि से करेंगे पूजा तो सभी बाधाओं से होगी रक्षा

01 मई 2020 को मां बगलामुखी जयंती मनाई जाने वाली है, वैशाख शुक्ल अष्टमी को देवी बगलामुखी के अवतार का दिवस मनाया जाता है, 10 महाविद्या में बगलामुखी आठवां स्वरूप है, भारत देश में देवी बगलामुखी जयंती को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ लोग मनाते हैं, इस दिन सभी लोग माता रानी की पूजा अर्चना करते हैं, ऐसा बताया जाता है कि इस दिन अपनी श्रद्धा और विधि विधान पूर्वक देवी बगलामुखी की पूजा की जाए तो इससे समस्त बाधाओं से मुक्ति मिलती है, मां बगलामुखी अपने भक्तों की सभी परेशानियां दूर करती हैं, मां बगलामुखी की कृपा से शत्रु बाधा, बुरी नजर और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है, अगर इनकी पूजा की जाए तो इससे घर में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहती है, धन-धान्य से जुड़ी हुई सभी परेशानियों का समाधान हो जाता है।

अगर मां बगलामुखी जयंती पर आप माता रानी की पूजा करते हैं तो इनकी पूजा में बहुत सावधानी बरतनी होती है, अगर आपसे कोई भी गलती होती है तो इसकी वजह से आपको बुरा परिणाम भुगतना पड़ सकता है, अगर आप माता की पूजा कर रहे हैं तो इसके लिए आप किसी ब्राह्मण की सहायता ले सकते हैं, ताकि इनकी पूजा में किसी भी प्रकार की गलती ना हो, देवी माता की पूजा में साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है, माता रानी को सर्व शक्तिशाली माना गया है, यह अपने भक्तों को हर दुख और बाधाओं से मुक्ति दिलाती है।

मां बगलामुखी जयंती पूजा विधि | Maa Baglamukhi Puja Vidhi

अगर आप मां बगलामुखी जयंती पर माता का व्रत और इनकी पूजा करते हैं तो इसका सही नियम और विधि का पता होना बहुत ही जरूरी है, आप इस दिन सुबह के समय जल्दी उठ जाए और अपने सभी कामों को पूरा करने के पश्चात नहाकर पीले वस्त्रों का धारण कर लीजिए, आप माता रानी की साधना अकेले में, किसी मंदिर में या फिर किसी सिद्ध पुरुष के साथ बैठकर कर सकते हैं, आप इनकी पूजा में अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ रखें और एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर भगवती बगलामुखी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित कीजिए।

जब आप माता बगलामुखी की प्रतिमा या तस्वीर चौकी पर स्थापित कर दे तब उसके पश्चात आपको अपने हाथों को आचमन से धोना होगा, इसके बाद आप अपने आसन को पवित्र कीजिए, आप अपने हाथों में पीले चावल, हरिद्रा, पीले फूल और दक्षिणा लेकर माता बगलामुखी व्रत का संकल्प ले, आप माता रानी की पूजा में धूप, दीप, अगरबत्ती और विशेष रूप से पीले फल, पीले फूल, पीले लड्डू का प्रसाद का इस्तेमाल कीजिए, भगवती बगलामुखी की पूजा में आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत ही जरूरी है, आप मां बगलामुखी जयंती पर व्रत कर रहे हैं तो आप पूरे दिन कुछ भी ग्रहण ना करें, आप रात्रि के समय फलाहार कर सकते हैं और अगले दिन पूजा करने के पश्चात आप भोजन ग्रहण कर सकते हैं।

मां बगलामुखी मंत्र | Maa Baglamukhi Mantra

ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां
वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय
बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा।

अगर आप मां बगलामुखी की साधना कर रहे हैं तो आप उपरोक्त मंत्र का जाप कीजिए, अगर आप इस मंत्र का जाप विधि-विधान पूर्वक करते हैं तो इससे आपके जीवन की बहुत सी परेशानियां दूर होंगी, अगर आपको इस मंत्र का उच्चारण करने में किसी भी प्रकार की परेशानी उत्पन्न हो रही है तो आप किसी ब्राह्मण से इन मंत्रों का जाप करवा लीजिये।

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