अध्यात्म

शिवजी के इस मंदिर का रातों-रात हुआ था निर्माण, जल चढ़ाने के बाद पूरी होती है चारो धाम की यात्रा

देशभर में भगवान शिव जी के बहुत से मंदिर मौजूद है जिनके प्रति लोगों की आस्था जुड़ी हुई है, एक ऐसा ही रहस्यमई मंदिर मध्य प्रदेश के रीवा में स्थित है, जिसको देवतालाब शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है, भगवान शिव जी का यह मंदिर आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ है, ऐसा बताया जाता है कि भगवान शिव जी के देवतालाब मंदिर का निर्माण रातों-रात हुआ था, इस मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने किया था, वैसे तो इस मंदिर में लोगों की भीड़ लगी रहती है परंतु सावन महीने में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, लाखों की तादात में लोग इस मंदिर में दूर-दूर से आते हैं और भगवान शिव जी की पूजा अर्चना करते हैं, देवतालाब मंदिर की मान्यता अनुसार इस मंदिर का निर्माण रातों-रात हुआ था ऐसा बताया जाता है कि सुबह के समय जब लोगों ने देखा तो यहां पर विशाल मंदिर बना हुआ नजर आया था परंतु इस मंदिर का निर्माण कैसे हुआ था? यह किसी भी व्यक्ति ने नहीं देखा था, बड़े बुजुर्गों का ऐसा कहना है कि इस मंदिर के साथ ही यहां पर अलौकिक शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी।

ऐसा बताया जाता है कि यहां पर जो शिवलिंग मौजूद है वह बहुत ही रहस्यमई है, यह दिन में चार बार अपना रंग बदलता है, इसके साथ ही इस मंदिर के नीचे शिव का एक दूसरा मंदिर भी स्थित है और इसके अंदर चमत्कारिक मणि मौजूद है, ऐसा कहा जाता है कि काफी सालों पहले मंदिर के तहखाने से लगातार सांप बिच्छू निकलते रहते थे जिसके कारण से मंदिर का दरवाजा बंद किया गया था, इस मंदिर के ठीक सामने एक गढ़ी मौजूद थी इस शिवलिंग के अतिरिक्त रीवा रियासत के महाराजा ने यहां पर चार अन्य मंदिर बनवाए थे मान्यता अनुसार देवतालाब के दर्शन से चारों धाम की यात्रा सफल होती है, इस मंदिर में लाखों लोग दर्शन करने के लिए दूर-दूर से मौजूद होते हैं।

श्रद्धालु चारों धाम की यात्रा करने के पश्चात जब तक देवतालाब शिव मंदिर में जल अर्पित नहीं करते तब तक इनकी यात्रा पूरी नहीं होती है, श्रद्धालु चार धाम की यात्रा करने के बाद इस मंदिर में आते हैं और भगवान शिवजी को जल अर्पित करते हैं, देश के हर एक कोने से भक्त यहां पर भोलेनाथ की पूजा करने के लिए आते हैं, सावन के महीने में यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है, देवतालाब मंदिर के आस-पास बहुत से तलाब मौजूद है, इस शिव मंदिर के परिसर में जो तालाब स्थित है उसको शिव कुंड कहा जाता है।

इस मंदिर के अंदर कई तालाबों का होना इसकी खासियत है, इस मंदिर के शिव कुंड से जल लेकर ही श्रद्धालु भगवान शिव जी के पंच शिवलिंग विग्रह में जल अर्पित करते हैं, यहां के स्थानीय बड़े बुजुर्गों का ऐसा बताना है कि शिव कुंड से 5 बार जल लेकर पांचों मंदिर में अर्पित किया जाता है, देवतालाब शिव मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है, आस्था के चलते ही लोग दूरदराज से इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं और यहां पर पहुंचकर भोलेनाथ की पूजा करते हैं।

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