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ऐसे लोगों को गेहूं की रोटी से भी हो सकता है कैंसर, जानें कहीं आप भी तो शामिल नहीं इनमें

आमतौर पर धूम्रपान, शराब के सेवन और अनियमित खानपान को कैंसर के लिए जिम्मेदार माना जाता है, पर इसके अलावा भी कैंसर होने के कई सारे कारण हैं, जिसमें से एक गेंहू के सेवन से होने वाली एलर्जी भी है। जी हां, जिन लोगों को गेंहू के सेवन से एलर्जी होती है, उन्हे गेंहू की रोटियां खाने से कैंसर भी हो सकता है। दरअसल हाल ही में इस तरह की स्वास्थ्य समस्या पर रिसर्च किया गया, तो पता चला कि आज के मौजूदा समय में हर 1000 लोगों में से 30 लोग इस बीमारी का शिकार बन रहे हैं। इस बात का खुलासा पीजीआइ की रिसर्च में हुआ है।

दरअसल 500 मरीजों पर की गई इस रिसर्च से ये पता चला है कि व्यस्कों से अधिक बच्चों को इसके शिकार होने का खतरा होता है, वहीं इस शोध में ये भी पाया गया कि ये बीमारी देश के अन्य हिस्सों की तुलना में उत्तरी भारत में अधिक है। असल में इसके ज्यादातर मामले पंजाब, हरियाणा समेत उत्‍तरप्रदेश और जम्‍मू-कश्‍मीर से आ रहे हैं।

ये हैं लक्षण

अगर आपका बच्चा लगातार कमजोरी होता जा रहा है या फिर डायरिया से लगातार परेशान है तो तुरंत इसके लिए किसी डॉक्टर्स से संपर्क करें। दरअसल इस बीमारी के सम्बंध में हुए शोध से ये पता चला है कि इसके शिकार ज्यादातर बच्चों में कम वजन और लंबाई नहीं बढ़ने की समस्या पाई गई। साथ ही उनके पेट में लगातार दर्द रहता था ।

ऐसे होती है पहचान

शोधकर्ताओं के अनुसार फिलहाल इस बीमारी को डाइग्नोस करने का कोई प्रभावी तरीका नहीं है। अभी तक इस बीमारी की पहचान के लिए आइजीए टीटीजी टेस्ट किया जाता है जो कि पचास फीसदी तक ही विश्वसनीय है। इस टेस्ट में अलग-अलग किट डालकर टेस्ट होता है, इसके लिए बीमारी के लक्षण मिलने पर बायोपसी द्वारा बच्चे के गले में पाइप डालकर शरीर के टिश्यू लिए जाते हैं। फिर उन टिश्यू को लैब में टेस्ट के लिए भेजा जाता है, जिसके आधार पर इसकी पहचान होती है।

क्यों होती है ऐसी एलर्जी

दरअसल पीजीआइ की स्टडी में ये सामने आया है कि शरीर में ह्यूमन लिकासाइड एंटीजीन नाम का मोलक्यूल होता है। जबकि वहीं अनाज में ग्लूटोन नाम तत्व पाया जाता है और जब ये दोनों शरीर में मिलते हैं तो गेहूं से एलर्जी होती है।

बचना के लिए छोड़ना होगा गेहूं के व्‍यंजन

दरअसल अब तक इस बीमारी के लिए किसी कारगर दवा का इजात नहीं किया जा सका है, ऐसे में गेहूं से एलर्जी होने पर पूरी तरह से गेहूं का खाना छोड़ने से ही इससे बचा जा सकता है और अगर ऐसा नहीं किया जाए तो लगातार होने वाली एलर्जी और जलन से कैंसर हो सकता है। इसलिए अगर इससे बचना है तो पीड़ित व्यक्ति को गेहूं को छोड़कर किसी दूसरे अनाज का सेवन ही जीवनभर करना पड़ेगा। वरना ये एहतियात नहीं बरतने पर उसकी ये बीमारी कैंसर में बदल सकती है।

वैसे पीजीआइ में इस बीमारी के लिए उपयुक्त दवा को लेकर कई सारे ट्रायल भी चल रहे हैं। इसी सिलसिले में पीजीआइ नैक्स वैक्स2 नामक वैक्सीन को लेकर क्लीनिकल ट्रायल भी कर रहा है।

 

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