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प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे 8 राज्यों के मुख्यमंत्री, बताई ये वजह

लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों ने कई रणनीतियां बनाई। कुछ पार्टियों ने गठबंधन किया तो वहीं कुछ पार्टियों ने ऐसे मुद्दे उठाए जिससे उनको लगा कि वो भाजपा को इस बार जड़ से उखाड़ फेकेंगे। राज्यसभा चुनावों में आए नतीजों के बाद विपक्षी पार्टियों के मनसूबे कायम होते दिख रहे थे। क्योंकि राज्यसभा चुनाव नें भाजपा के तीन गढ़ राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों ने सबकुछ बदल कर रख दिया।

एक बार फिर से भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में अपनी सरकार बनाई। और एक बार फिर से नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री पद पर शपथ ली। बता दें कि 30 मई को प्रधानमंत्री मोदी का शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। बता दें कि इस शपथ ग्रहण समारोह में तकरीबन 6000 लोगों को आमंत्रित किया गया है। बता दें कि इस शपथ ग्रहण समारोह में खेल जगत, बिजनेस जगत से लेकर के बॉलीवुड जगत के भी कई दिग्गजों ने शिरकत की। लेकिन इस समारोह में नरेंद्र मोदी के परिवार का एक भी सदस्य नजर नहीं आया और ना ही उनको आमंत्रित किया गया।

बता दें कि नरेंद्र मोदी की बहन वसंतीबेन ने आज तक से खास बातचीत में इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि, ‘भाई-बहन की भावनाएं होती हैं. बहन, भाई को राखी भेजती है, उसके मन में हमेशा यही भावना रहती है कि भाई आगे बढ़े. एक गरीब का बेटा आगे बढ़ा है, जनता ने उसका साथ दिया है, दिल खोलकर वोट दिया है, मैं जनता का आभार व्यक्ति करती हूं.’

वसंती बेन ने कहा,  ‘जब नरेंद्र मोदी वडनगर आए थे तब उनसे मुलाकात हुई थी तब मैंने राखी बांधी थी हमें शपथ ग्रहण का कोई आमंत्रण नहीं दिया गया. परिवार के किसी भी सदस्य को आमंत्रित नहीं किया गया है. उनका यह जीवन देश के लिए समर्पित है.’

बता दें कि नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोंह में उनकी विपक्षी पार्टियों के कई नेताओं ने भी शिरकत नहीं की। अपनी-अपनी व्यस्तताओं का हवाला देकर शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बनाने वाले बंगाल, ओडिशा, पंजाब, केरल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम इन 8 राज्यों के मुख्यमंत्री हैं। हालांकि मिजोरम को छोड़कर सभी 7 राज्यों में गैर-बीजेपी सरकार है। बता दें कि ममता बनर्जी ने भी इस शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की बात कही थी, लेकिन अचानक ही उन्होंने इस समारोह का हिस्सा बनने से मना कर दिया और अपने नए फैसले के बारे बताया कि, ‘बधाई, नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी। आपके संवैधानिक आमंत्रण को मैंने स्वीकार कर लिया था और आपके शपथ ग्रहण समारोह में मैं आने को तैयार थी, लेकिन पिछले कुछ समय में मैंने रिपोर्ट्स देखी हैं कि भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि उसने पार्टी के उन 54 कार्यकर्ताओं के परिवार को भी न्योता दिया जिनकी बंगाल में राजनीतिक हत्या कर दी गई है।’

बता दें कि वहीं ओडिशा में पांचवी बार मुख्यमंत्री बने नवीन पटनायक भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाए। हालांकि उनके समारोह मे शामिल ना होंने के पीछे का कारण उनकी व्यस्तता बताई गई है। वहीं सीएम ऑफिस ने बुधवार को ही साफ कर दिया था कि ओडिशा विधानसभा सत्र में बिजी होने के कारण पटनायक दिल्ली में नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं सकेंगे।

बता दें कि बीजेपी ने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए बंगाल में हिंसा के शिकार इन सभी 54 बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों को दिल्ली बुलाया गया है। इसे बीजेपी की मिशन 2020 की रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है।

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