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यूपी के महाराजगंज में रहने वाले रिंकू ने पटा ली जर्मनी की गोरी, शादी करके कायम की मिसाल

प्यार बहुत ही अलग तरह का एहसास होता है और इसमें व्यक्ति एक आदमी को अपना सबकुछ मानने लगता है. इस प्यार में लोग जाति-धर्म, सरहद-देश कुछ भी नहीं पहचानते हैं और सिर्फ अपने प्यार को पाने की चाहत रखते हैं. आपने अब तक ऐसे कई किस्से सुने होंगे जिसमें सोशल मीडिया पर मिले प्रेमी युगलों ने शादी कर ली लेकिन हम जिस प्रेम कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं वो सबसे अलग है. यूपी के एक लड़के ने जर्मनी की लड़की को पटा लिया और वो अपने माता-पिता के साथ यहां शादी करने आ गई. ये शादी बहुत अद्भुत रही है जब यूपी के महाराजगंज में रहने वाले रिंकू ने पटा ली जर्मनी की गोरी, चलिए बताते हैं इस शादी के बारे में कुछ बातें.

यूपी के महाराजगंज में रहने वाले रिंकू ने पटा ली जर्मनी की गोरी

ऐसा कहा जाता है कि प्‍यार अंधा होता है और ये सीमाओं के बंधन से परे हटकर अपना एक मुकाम हासिल कर ही लेता है. ऐसा ही एक किस्सा यूपी से सामने आया जब एक जर्मनी में रहने वाली ‘स्‍वीटी’ को वहां पढ़ाई करने गए रिंकू से प्‍यार हो गया. बहुत कोशिश और इंतजार के बाद आखिरकार लाल जोड़े में दुल्‍हन बनकर स्‍वीटी ने सात फेरे लेकर सात जन्‍मों तक साथ जीने-मरने की कसमें खा ही लीं. अब दुल्हा-दुल्हन वापस जर्मनी चले गए. महाराजगंज के फरेंदा क्षेत्र के सिधवारी गांव के रहने वाले गणेश चौधरी इंडियन आर्मी में कार्यरत रहे हैं. वे परिवार के साथ चेन्नई में ही रहते थे और सेवानिवृत्त होने के बाद वे पैतृक गांव सिधवारी में वापस आ गए. दसवीं में पढ़ने वाले उनके बेटे रिंकू चौधरी को स्‍कॉलरशिप मिली और वो पढ़ाई करने जर्मनी चला गया. वहां पर पढ़ाई के दौरान ही रिंकू को स्‍वीटी से प्यार हो गया. उसके बाद दोनों एक ही कंपनी में जॉब करने लगे. समय गुजरता गया और बीतते समय के साथ ही दोनों का प्यार गहरा होता चला गया. इनकी मुलाकातें और बढ़ती गईं और फिर आखिरकार रिंकू और स्वीटी ने शादी करने का फैसला करने का फैसला किया.

दोनों ने अपने पैरेंट्स को अपने दिल की बात बताई. शुरुआत में तो दोनों के पैरेट्ंस शादी के खिलाफ थे लेकिन बहुत सी कोशिशों के बाद दोनों ने अपने-अपने पैरेंट्स को मना लिया. इस दौरान रिंकू जर्मनी की स्वीटी को अपने देश और संस्कृति के साथ रहन-सहन की जानकारी देने के लिए टूरिस्ट विजा पर तीन साल में 13 बार अपने गांव लेकर आया और फिर उसने बारीकी के साथ यहां की परंपरा और संस्कृति को समझने की कोशिश भी की. उसे भारतीय संस्कृति बहुत पसंद आई और उसने रिंकू के साथ ही शादी करने का फैसला ले लिया.

पैतृक गांव में हिंदू-रीति रिवाज से की शादी

रिंकू और स्वीटी पैतृक गांव आए और सभी जरूरी दस्तावेज लेकर एसपी कार्यालय पहुंच गए. महाराजगंज के एसपी रोहित सिंह साजवान ने दोनों की शादी में काफी मदद की. उन्होंने दोनों के दस्तावेज जांच-पड़ताल के लिए विदेश मंत्रालय भेजे और वहां से मंजूरी मिलने के बाद दोनों की शादी के लिए ग्रीन सिग्नल मिला. स्वीटी के पिता और बड़ी बहन के साथ सिधवारी गांव पहुंच गए. 17 मई को दोनों की हिन्‍दू रीति-रिवाज के साथ शादी हुई. लाल जोड़े में रिंकू चौधरी के साथ सात फेरे लेने वाली स्वीटी को देख कर गांव के लोग भी बहुत खुश थे. उनके मुताबिक पहली बार कोई विदेशी दुल्हन उनके गांव में आई.

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