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उठ गया इस राज से पर्दा, इस वजह से किसी महिला को पैदा होते हैं जुड़वा बच्चे

माँ बनना किसी भी महिला के लिए इस दुनिया का सबसे ख़ूबसूरत अहसास होता है। शादी के बाद हर महिला यही चाहती है कि उसे भी माँ बनने का सुख प्राप्त हो। कहा जाता है कि क़िस्मत वाली महिलाओं की ही गोद भरती है। आज भी समाज में कई ऐसी महिलाएँ हैं ओ शादी के कई साल बाद भी माँ बनने के सुख से वंचित हैं। ऐसी महिलाओं को समाज में कई तानें भी सुनने पड़ते हैं। जब महिला किसी बच्चे को जन्म देती है तो उसके साथ ही घरवाले भी काफ़ी ख़ुश होते हैं।

बच्चों को भगवान का रूप माना जाता है और कोई भी महिला भगवान को जन्म देती है तो ख़ुशी का माहौल होना तो जायज़ है। हालाँकि आज भी गाँवों में महिलाओं के बच्चे पैदा करने पर सबसे ज़्यादा ख़ुशी तब मनायी जाती है, जब महिला लड़का पैदा करती है। लड़की को जन्म देने पर महिला को ताने ही सुनने पड़ते हैं। हालाँकि अब हर जगह ऐसा नहीं होता है, लेकिन देश के कुछ ग्रामीण इलाक़ों में आज भी ऐसा ही हो रहा है। आज लड़कियाँ लड़कों की हर क्षेत्र में बराबरी कर रही हैं, फिर भी ऐसा भेद-भाव होता है।

दो तरह के होते हैं जुड़वा बच्चे:

आपने कई महिलाओं को देखा होगा जो जुड़वे बच्चे को जन्म देती हैं। जुड़वे बच्चे के बारे में कहा जाता है कि ये एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। यानी एक रोता है तो दूसरा भी रोने लगता है। एक हँसता है तो दूसरा भी हँसने लगता है। अगर किसी एक को भूख लगती है तो दूसरे को भी भूख लगती है। आपको बता दें जुड़वा बच्चे दो तरह के होते हैं। पहले मैनोजाइगोटिक और दूसरे डायजाइगोटिक।
ये सब तो आप जानते ही होंगे, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आख़िर जुड़वा बच्चे कैसे कैसे पैदा होते हैं।

इस वजह से पैदा होते हैं जुड़वा बच्चे:

*- उम्र की वजह से:

कहा जाता है कि सही समय पर माँ बनना अच्छा होता है। एक समय के बाद महिलाओं को माँ बनने में काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बढ़ती उम्र में गर्भ धारण करना मुश्किल होता है। जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे उन्हें गर्भ धारण करने में मुश्किल होती है। बढ़ती उम्र के साथ फोलिरल स्टिम्युलेटिंग हार्मोन के निर्माण में कमी आ जाती है। यह एग ओवरीज़ को ओव्यलैशन के रिलीज़ करने में बहुत अहम भूमिका निभाता है। इस प्रक्रिया में एग की संख्या बढ़ने लगती है। ऐसे में जुड़वा गर्भ धारण करने की सम्भावना बढ़ जाती है।

*- दूसरी बार गर्भवती होना:

यह ज़रूरी नहीं होता है कि अगर कोई महिला पहली बार जुड़वा बच्चे को जन्म देती है तो वह दुबारा भी ऐसा ही करे। लेकिन पहली बार गर्भ धारण करने के बाद दुबारा धारण करने पर जुड़वा गर्भ धारण करने की सम्भावना बढ़ जाती है।

*- गर्भनिरोधक गोलियाँ:

ज़्यादा गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाएँ जब अचानक से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन बंद कर देती हैं तो हार्मोंस में आए अचानक से बदलाव की वजह से दो गर्भ ठहरने की सम्भावना ज़्यादा होती है।

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