अध्यात्म

इस वजह से भगवान शिव को अतिप्रिय है सावन का महीना, पूजा करने से हो जाती हैं सभी इच्छाएँ पूरी

भगवान भोलेनाथ यानी भगवान शिव की महिमा अपरंपार है। भगवान शिव की पूजा भक्त सोमवार को करते हैं, लेकिन पूरे साल में एक महीना ऐसा भी होता है, जो भगवान शिव को अतिप्रिय होता है। जी हाँ हम सावन महीने की बात कर रहे हैं। यह पूरा महीना भोलेनाथ को समर्पित होता है। लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस महीने में व्रत, पूजा-पाठ करते हैं। जो लोग भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करते हैं, उनकी सभी इच्छाएँ पूरी हो जाती हैं।

विष्णु जी विश्राम करने चले जाते हैं पाताल लोक:

सोमवार का दिन बहुत ही ख़ास होता है लेकिन सावन के सोमवार का महत्व बढ़ जाता है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि भगवान शिव को यह सावन का महीना इतना ज़्यादा क्यों प्रिय है? आइए जानते हैं इसकी असली वजह। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सावन महीने की शुरुआत से ही भगवान विष्णु अपनी सभी ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो जाते हैं। सृष्टि के पालनकर्ता विष्णु जी विश्राम करने के लिए पाताल लोक चले जाते हैं। जाने से पहले वो अपना सभी काम भगवान शिव को सौंप देते हैं। सावन के महीने में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी लोक पर आते हैं।

सावन में भगवान शिव के गर्म शरीर को मिलती है ठंडक:

यहाँ आकर लोगों के सुख-दुःख सुनते हैं और उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं। इसी वजह से सावन का महीना सबसे ख़ास होता है। सावन के महीने के बारे में कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस महीने में सच्चे माँ से भोलेनाथ की आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि केवल सावन के महीने में ही भगवान शिव क्यों सबकी मनोकामनाएँ पूर्ण कर देते हैं। इसकी वजह यह है कि सावन के महीने में बारिश सबसे ज़्यादा होती है। इससे भगवान शिव के गर्म शरीर को ठंडक मिलती है।

भगवान शिव ने स्वयं ही सनतकुमारों को सावन की महिमा बताई है कि मेरे बाएँ नेत्र में चंद्रमा, दाएँ में सूर्य और मध्य नेत्र में अग्नि का वास है। हिंदू कैलेंडर में महीने के नाम नक्षत्रों के नाम पर रखे गए हैं। सावन का महीना श्रवण नक्षत्र के आधार पर रखा गया है। श्रवण नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा होता है। चंद्रमा भगवान शंकर के मस्तक पर विराजमान है। सूर्य जब भी कर्क राशि में प्रवेश करता है तो सावन का महीना शुरू हो जाता है। सूर्य गर्मी और चंद्रमा ठंडक प्रदान करता है।

मनचाहे वर के लिए लड़कियाँ करती हैं सोलह सोमवार का व्रत:

सूर्य के कर्क राशि में जाते ही मौसम ठंडा हो जाता है और बारिश शुरू हो जाती है। भगवान शिव को सावन के महीने में ठंडक मिलता है, इसीलिए उन्हें यह महीना इतना प्रिय है। धर्मशास्त्रों के अनुसार इसी महीने में माता पार्वती ने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी। इसके बाद भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए थे। माता पार्वती को दर्शन मिलने के बाद से भक्तों को यह विश्वास हो गया है कि इस महीने में शिव की आराधना करने से वो जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। सावन के महीने में यह भी मान्यता है कि जो भी लड़कियाँ सोलह सोमवार का व्रत करती हैं, उन्हें मनचाहा वर मिलता है।

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