अध्यात्म

भारत के इस रहस्यमई शिवलिंग में है एक लाख छिद्र, पूजा मात्र से हर मनोकामना होती है पूरी

भारत धार्मिक देशों में से एक गिना जाता है, हमारे भारत देश में बहुत से भगवान के मंदिर मौजूद हैं, जिनके प्रति लोगों की आस्था देखने को मिलती है, हमारे पूरे हिंदुस्तान में अगर शिव मंदिरों की बात करें तो बहुत से शिव मंदिर मौजूद है, इनमें से कुछ शिवालय हैं जिनका इतिहास आज तक किसी को भी नहीं पता है, इनका रहस्य अभी तक रहस्य ही बना हुआ है, इन्हीं शिव मंदिरों में से एक ऐसा शिव मंदिर है जो अपनी विशेषता के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, यह शिव मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है, इस शिव मंदिर के अंदर एक शिवलिंग मौजूद है जो अपने आप में खास माना जाता है इस शिव मंदिर के शिवलिंग के अंदर एक नहीं बल्कि एक लाख छेद मौजूद है, ऐसा माना जाता है कि जो भक्त यहां पर अपनी मनोकामनाएं लेकर आता है उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं, सावन के महीने और महाशिवरात्रि पर्व के दौरान इस मंदिर के अंदर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।

आज हम आपको जिस शिव मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं, यह मंदिर लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर है जो कि छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है, इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का काशी भी बताया जाता है, अगर हम इस मंदिर की पौराणिक कथा के बारे में बात करें तो ऐसा बताया जाता है कि लंकापति रावण का वध करने के पश्चात लक्ष्मण जी ने अपने बड़े भाई राम जी से ही इस मंदिर की स्थापना करवाई थी, इस मंदिर के अंदर जो शिवलिंग मौजूद है उसमें पूरे एक लाख छेद है, यह शिवलिंग बहुत ही अद्भुत है और जो इस शिवलिंग की पूजा करता है उसके ऊपर से सभी दोष दूर होते हैं और सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग के बारे में ऐसा माना जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना खुद लक्ष्मण जी ने की थी, इस शिवलिंग के अंदर एक लाख छेद मौजूद है, इसलिए इसको लक्षलिंग भी कहा जाता है, इस शिवलिंग पर जितना भी जल डाला जाए वह सब इसी शिवलिंग में समा जाता है, इस शिवलिंग में एक छिद्र अक्षय कुंड है जिसमें हमेशा जल भरा रहता है, इस शिवलिंग पर जो भी जल अर्पित किया जाता है वह पीछे स्थित कुंड में चला जाता है यह कुंड कभी भी नहीं सूखता है।

वैसे तो इस मंदिर के अंदर भक्तों का वर्षभर आना जाना लगा रहता है परंतु सावन के सभी सोमवार और महाशिवरात्रि में यहां पर भक्तों की भारी भीड़ रहती है और यहां पर भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है, शिव भक्त इस मंदिर में इन दिनों काफी भारी संख्या में आते हैं, ऐसा बताया जाता है कि जब भगवान श्री राम जी ने लंकापति रावण का वध किया था और वध के पश्चात श्री राम जी को ब्रह्महत्या के दोष से छुटकारा पाना था तब भगवान राम जी ने शिवजी की आराधना की थी, भगवान शिवजी को जल अर्पित करने के लिए लक्ष्मण जी पवित्र स्थानों से जन्म लेने के लिए गए थे, जब वह वापस आ रहे थे तब उनकी सेहत खराब हो गई थी, ऐसा भी बताया जाता है कि जब लक्ष्मण जी बीमार हो गए थे तब भगवान शिव जी ने उनको सपने में दर्शन दिए थे और उनको लक्षलिंग रूप की पूजा करने को कहा था, जब लक्ष्मण जी ने लक्षलिंग जी की पूजा की तो वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गए थे।

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