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तेलंगाना में राज्यपाल ने मानी विधानसभा भंग करने की सिफ़ारिश, समय से पहले होंगे विधानसभा चुनाव

नई दिल्ली: तेलंगाना की राजनीति में इस समय बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। राज्य सरकार की सिफ़ारिशों के बाद तेलंगाना के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने विधानसभा भंग करने की अनुमति दे दी है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने गुरुवार को राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने विधानसभा भंग करने की सिफ़ारिश भी की थी। इस सम्बंध में सीएम की अध्यक्षता में कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया था। अगली सरकार के गठन तक अब चंद्रशेखर राव ही तेलंगाना के कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहेंगे।

लोकसभा चुनाव के साथ नहीं चाहते तेलंगाना विधानसभा का चुनाव:

जानकारी के अनुसार चंद्रशेखर राव अपने लिए छह अंक को काफ़ी शुभ मानते हैं। यही वजह है कि उन्होंने विधानसभा भंग करवाने के लिए 6 सितम्बर की तारीख़ चुनी थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें तेलंगाना राज्य बनने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था। चंद्रशेखर राव तेलंगाना के पहले मुख्यमंत्री बने थे। उनका कार्यकाल मई 2019 में पूरा हो रहा है। ऐसे क़यास लगाए जा रहे हैं कि चंद्रशेखर राव लोकसभा चुनाव के साथ ही तेलंगाना में विधानसभा का चुनाव नहीं करवाना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार चंद्रशेखर राव चाहते हैं कि इसी साल के अंत में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ ही तेलंगाना का भी चुनाव हो।

लगनी शुरू हो गयी थी समय से पहले चुनाव की अटकलें:

आपको बता दें पिछले सप्ताह चंद्रशेखर राव ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाक़ात की थी। उसी समय से राज्य में समय से पहले चुनाव की अटकलें लगनी शुरू हो गयी थी। सूत्रों का कहना है कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने वहाँ के भाजपा नेताओं को बता दिया है कि साल के आख़िर में अगर विधानसभा चुनाव हो तो उसके लिए पहले से ही तैयार रहें।

कांग्रेस और टीडीपी उतरेंगे चुनावी मैदान में साथ:

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तेलंगाना में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और टीडीपी एक साथ उतर सकती है। इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के साथ चुनावी प्रक्रिया को लेकर पहले ही आपसी सहमति बन चुकी है। आन्ध्रप्रदेश के विभाजन के बाद चंद्रबाबू नायडू हैदराबाद से शिफ़्ट हो रहे हैं। लेकिन अभी भी तेलंगाना के कई विधानसभा क्षेत्र में ख़ासकर ग्रेटर हैदराबाद में उतनी ही पकड़ मज़बूत है। बता दें 2014 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में टीडीपी और भाजपा गठबंधन ने 24 विधानसभा सीटों में से 14 पर अपना क़ब्ज़ा जमाया था।

बता दें भाजपा पहले भी कई बार चुनाव आयोग के सामने यह कह चुकी है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ करवाए जाएँ। लेकिन चुनाव आयोग इसके लिए तैयार नहीं है। भाजपा ऐसा चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर ऐसा कह रही है। भाजपा चाहती है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और मेघालय में होने वाले चुनाव अगले साल 2019 लोकसभा चुनाव के साथ ही करवाए जाएँ। लेकिन चुनाव आयोग ने यह कहते हुए भाजपा के सपनों पर पानी फेर दिया कि ऐसा सम्भव ही नहीं है।

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