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पीलिया से परेशान लोग करें इन चमत्कारी पौधों का इस्तेमाल, जड़ से ख़त्म हो जाएगा पीलिया, जानें कैसे?

आज के समय में बीमारियाँ आम बात हो गयी हैं। कोई किसी बीमारी से पीड़ित है तो कोई किसी अन्य बीमारी से। आज के समय में बीमारियों के लिए सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदार लोगों के रहन-सहन की आदत और उनका खान-पान है। लोग स्वाद के चक्कर में तरह-तरह के हानिकारक चीज़ों का सेवन करने लगे हैं। इनमें से कई चीज़ें ऐसी हैं, जिनके सेवन से कुछ ही समय में व्यक्ति भयानक बीमारियों की चपेट में आ जाता है। पिछले कुछ सालों से लोगों के खान-पान में काफ़ी परिवर्तन हुआ है। पहले की तरह आज लोग पौष्टिक भोजन नहीं कर रहे हैं।

आज के समय की ज़्यादातर युवा पीढ़ी फ़ास्ट फ़ूड और रोड साइड रोड का ज़्यादा सेवन करने लगी है। फ़ास्ट फ़ूड और रोड साइड मिलने वाले इन खानों में कई हानिकारक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बिलकुल भी अच्छे नहीं होते हैं। समय की कमी की वजह से कई लोग बाज़ार में बिकने वाले पैकेज्ड फ़ूड और मैगी जैसी चीज़ों के ऊपर भी निर्भर रहने लगे हैं। इन चीज़ों का ज़्यादा इस्तेमाल करने से कई गम्भीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इन्ही में से एक गम्भीर बीमारी है पीलिया।

पीलिया में पूरा शरीर हो जाता है पीला:

आपको बता दे पीलिया एक ख़तरनाक बीमारी है। समय पर इसका इलाज ना होने की वजह से कई लोग अपनी जान भी गँवा चुके हैं। जिस व्यक्ति को पीलिया होता है, उसकी त्वचा, श्लेष्मा झिल्ली, आँखों का सफ़ेद हिस्सा पीले रंग का हो जाता है। पीलिया से पीड़ित व्यक्ति को पीले रंग का पेशाब भी होता है। जानकारी के अनुसार ख़ून में बिलीरूबिन का स्तर बढ़ जाने की वजह से शरीर में पीलापन हो जाता है। पीलिया से बचने के लिए कई तरह के घरेलू उपाय किए जा सकते हैं। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे चमत्कारी पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में पीलिया जड़ से ख़त्म हो जाता है।

*- गिलोय या गुड़ूची:

गिलोय का नाम आपने तो सुना ही होगा। इसे गुडूची के नाम से भी जाना जाता है। भारत के साथ ही यह चमत्कारी पौधा एशिया के कई देशों में पाया जाता है। गिलोय को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके डंठल का पाउडर बनाया जाता है। इसे गुड़ूची सत्व के नाम से जाना जाता है। एक अध्ययन के दौरान जो लोग पीलिया से पीड़ित थे, उन्हें इलाज के दौरान 16 मिलीग्राम गुड़ूची दी गयी। इससे पीलिया से मरने वालों की दर 61.5 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत हो गयी। इसके साथ ही गुड़ूची का इस्तेमाल करने वाले लोगों में बुखार और मतली में भी सुधार देखा गया। गुड़ूची के पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर दिन में दो बार लेना चाहिए।

*- वसाका:

यह एक तरह का सदाबहार झाड़ होता है जो हिमालयी क्षेत्रों में पायी जाती है। इसके इस्तेमाल से पीलिया के साथ ही ब्रोंकाइटिस और फेफड़े के रोगों का इलाज किया जा सकता है। अगर आप किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं तो आपको इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। वसाका के पत्तों का पीलिया के इलाज के इस्तेमाल किया जाता है। वसाका के पत्तों का दो औंस रस, मुलेठी की छाल का पाउडर, बराबर मात्रा में चीनी और आधा चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से पीलिया में काफ़ी लाभ मिलता है।

*- आरोग्यवर्धिनि वटी:

यह एक तरह की जड़ी-बूटी होती है। इसका इस्तेमाल पीलिया, फैटी लीवर सिंड्रोम, वायरल हेपेटाइटिस और अल्कोहोलिक हेपेटाइटिस का इलाज करने के लिए किया जाता है। एक शोध में यह पाया गया है कि आरोग्यवर्धिनि वटी का दिमाग़, लीवर और किडनी पर अच्छा असर होता है।

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