अध्यात्म

11 अप्रैल मासिक संकष्टी चतुर्थी व्रत पर ऐसे करें गणेशजी की पूजा, जीवन के सारे विघ्न होंगें दूर

भगवान गणेश जी सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माने गए हैं, यदि इनकी पूजा अर्चना की जाए तो इससे व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं, आपको बता दें कि 11 अप्रैल 2020 यानी शनिवार को वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी का दिन है, अगर इस दिन का व्रत किया जाए तो ऐसा बताया जाता है कि भगवान गणेश जी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं, जो भक्त संकष्टी चतुर्थी का व्रत करता है उसको विशेष फल की प्राप्ति होती है और हर मुराद भगवान गणेश जी पूरी करते हैं, अगर आप संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की विधि विधान पूर्वक पूजा करेंगे तो इससे आपके जीवन की तमाम परेशानियां दूर होंगी।

संकष्टी चतुर्थी का व्रत और पूजा हर महीने किया जाता है लेकिन वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी का बहुत अधिक महत्व माना गया है, अगर हम शास्त्रों के अनुसार देखें तो ऐसा बताया जाता है कि वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा करने से सर्वश्रेष्ठ फल की प्राप्ति होती है, अगर आप इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश जी की विशेष पूजा करते हैं तो इससे गणेश जी आपसे जल्दी प्रसन्न होंगे।

संकष्टी चतुर्थी के दिन ऐसे करें भगवान श्री गणेश जी की पूजा

  • आप संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्य उदय से पहले जल्दी उठ जाए और नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर इससे स्नान कीजिए, इसके पश्चात आप इस दिन के व्रत का संकल्प लीजिए।
  • भगवान गणेश जी की पूजा करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप अपना मुंह उत्तर दिशा की तरफ रखें और भगवान गणेश जी की पूजा करके शुद्ध जल अर्पित कीजिए।
  • अगर आप संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी के बीज मंत्रों का 108 बार जाप करते हैं तो इससे आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है, आप गणेश जी की विधि विधान पूर्वक पूजा करके और मंत्रों का जाप करने के पश्चात जल में तिल मिलाकर सूर्य देवता को अर्घ्य दीजिए।

  • अगर आप संकष्टी चतुर्थी वाले दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने के दौरान इनको दूर्वा अर्पित करते हैं तो इससे धन-संपत्ति और सम्मान में कोई कमी नहीं रहती है, परंतु आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप गणेश जी की पूजा के दौरान तुलसी अर्पित ना करें, इसके अलावा अगर आप तिल के लड्डुओं का भोग भगवान गणेश जी को लगाते हैं तो इससे यह बहुत शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
  • अगर आप संकष्टी चतुर्थी का व्रत कर रहे हैं तो आप शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य दीजिए, संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने वाले लोग इस दिन प्याज, गाजर, चुकंदर, मूली का सेवन ना करें, आप अपना व्रत तिल के लड्डू खाकर खोल सकते हैं।

उपरोक्त संकष्टी चतुर्थी व्रत में भगवान गणेश जी की पूजन विधि के बारे में जानकारी दी गई है, अगर आप इसके अनुसार संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं तो इससे भगवान गणेश जी आपसे जल्द प्रसन्न होंगे और आपके जीवन में जो भी परेशानियां चल रही हैं उनका जल्द से जल्द समाधान हो सकता है, इस विधि से पूजा करने से आपकी अनेकों मनोकामनाएं भगवान गणेश जी पूरी करेंगे।

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