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आचार्य चाणक्य अनुसार यह बातें व्यक्ति के लिए है अभिशाप, जीते जी जला देती है आग में

आचार्य चाणक्य ने हमारे जीवन को सुखी बनाए रखने के लिए बहुत सी नीतियां बताई हैं इनकी इन नीतियों में बहुत से राज छुपे हुए हैं जिनसे हमारे सुख और दुख की भी जानकारी प्राप्त हो जाती है भारत के इतिहास में आचार्य चाणक्य का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है एक समय जब भारत छोटे छोटे राज्यों में विभाजित था और विदेशी शासक सिकंदर भारत पर आक्रमण करने के लिए भारतीय सीमा तक पहुंच गया था तब चाणक्य जी ने अपनी नीतियों से भारत की रक्षा की थी आचार्य चाणक्य जी ने अपने प्रयासों और अपनी नीतियों के बल पर एक सामान्य बालक चंद्रगुप्त को भारत का सम्राट बनाया था जो आगे चलकर चंद्रगुप्त मौर्य के नाम से विख्यात हुआ था और अखंड भारत का निर्माण किया था।

आचार्य चाणक्य के काल में पाटलिपुत्र बहुत शक्तिशाली राज्य मगध की राजधानी थी उस समय नंदवंश का साम्राज्य था और वहां का राजा था धनानंद, बहुत से लोग इस राजा का नाम महानंद भी बताते हैं एक बार की बात है महानंद ने भरी सभा में चाणक्य का अपमान किया था और इसी अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए आचार्य चाणक्य जी ने चंद्रगुप्त को युद्ध काल में पारंपत किया था चंद्रगुप्त की सहायता से चाणक्य ने मगध पर आक्रमण किया और महानंद को पराजित कर दिया था आचार्य चाणक्य जी बहुत ही अच्छे नीतिकार थे इन्होंने मनुष्य को लेकर बहुत सी नीतियां बताई है उन्होंने ऐसी कुछ नीतियों के बारे में बताया है जो मनुष्य को जीते जी आग में जला देती है आज हम आपको इन्हीं नीतियों के विषय में जानकारी देने वाले हैं।

आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य की नीतियों के बारे में

पत्नी और प्रेमिका का वियोग

आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि कोई भी व्यक्ति अपनी पत्नी या प्रेमिका का वियोग का सामना नहीं कर सकता और ना ही उससे दूर होना सहन कर सकता है।

दोस्तों या रिश्तेदारों द्वारा अपमान

अगर किसी व्यक्ति को अपने दोस्तों या रिश्तेदारों द्वारा अपमानित होना पड़ता है तो इससे बड़ी दुख की बात और कुछ नहीं होती है आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि अपने लोगों से अपमानित होने के पश्चात कोई भी व्यक्ति उस समय को भूल नहीं पाता है।

व्यक्ति के ऊपर कर्जा

जो व्यक्ति किसी के कर्ज में दबाव रहता है और उसके कर्ज को चुका नहीं पाता है तो उसके मन में हमेशा कर्ज का विचार ही आता रहता है जिसकी पीड़ा सहन करना बहुत ही कठिन है।

कपटी राजा या मालिक की सेवा

जिस राज्य का राजा कपटी और चरित्रहीन है उस राज्य की प्रजा को हमेशा दुखों का ही सामना करना पड़ता है इसके अलावा अगर कोई कपटी मालिक का सेवक है वह हमेशा इसी बात को लेकर दुखी रहता है।

निर्धनता

अगर किसी व्यक्ति के जीवन में सबसे बड़ा दुख है तो वह निर्धनता है, निर्धनता एक बहुत बड़ा अभिशाप माना जाता है आर्थिक तंगी की वजह से व्यक्ति को अपने जीवन में दुखी रहना पड़ता है।

उपरोक्त जो बातें आचार्य चाणक्य की नीतियों में बताई गई है अगर इनको अपने जीवन में ध्यान देते हैं तो हम बहुत सी परेशानियों से बच सकते हैं इसलिए इंसान को कोशिश करनी चाहिए कि ऐसा कोई भी कार्य ना करें जिससे आगे चलकर दुख का सामना करना पड़े।

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