अध्यात्म

गरुड़ पुराण में किया गया है यमराज और यमलोक का वर्णन, जानें यमलोक से जुड़ी रोचक बातें

यमराज का वर्णन गरुड़ पुराण में किया गया है और इस पुराण में यमराज के साथ-साथ यमलोक के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई है।गरुड़ पुराण में यमराज को मौत का देवता बताया गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार इनके पिता का नाम सूर्य देव हैं। जबकि इनकी माता का नाम संज्ञा है और इनकी एक बहन भी है जिसका नाम यमुना हैं।

क्या होता है यमलोक

गरुड़ पुराण के मुताबिक इंसान मरने के बाद यमलोक में जाता है और वहां पर उसे उसके द्वारा किए गए अच्छे और बुरे कर्मों का फल दिया जाता है। जबकि पद्म पुराण में यमलोक का वर्णन करते हुए लिखा गया है कि यमलोक धरती से 86,000 योजन यानी करीब 12 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और ये एक काफी भैयानक जगह है।

यमलोक में हैं चार दरवाजे

गरुड़ पुराण के अनुसार यमलोक के भवन को देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा द्वारा बनाया गया है और यमलोक में कुल चार दरवाजे हैं, जो कि इंसान के कर्म के हिसाब से खुलते हैं। मृत्यु के बाद धर्मात्मा और पुण्यात्माओं वाले इंसानों के लिए पूर्वी द्वारा खोला जाता है। साधु-संतों के लिए यमलोक का उत्तर द्वार खोला जाता है। जो लोग अपने जीवन में पाप करते हैं उनके लिए दक्षिण द्वार खुलता है और इस जगह पर इंसान को कई तरह की यातनाएं दी जाती है। जबकि दान पुण्य करने वाले इंसान के लिए पश्चिम द्वार खोला जाता है। इसके अलावा यमलोक के मुख्य दरवाजे पर दो कुत्तों द्वारा पहरा दिया जाता हैं।

गरुड़ पुराण के अनुसार यमराज के महल को कालित्री महल कहा जाता हैं। जिस सिंहासन पर ये विराजमान होते हैं उसे विचार-भू के नाम से जाना जाता है और यमराज का वाहन भैंसा है। यमलोक के सेवा दारों को यमदूत कहा जाता है और ये यमराज के लिए कार्य करते हैं। हमारे पुराणों के अनुसार कौए को यमराज का दूत बताया गया है।

इस तरह से दी जाती है सजा

इंसान को नरक में भेजा जाए या फिर स्वर्ग में इसका फैसला यमराज लेते हैं और ये फैसला लेने से पहले यमराज अपने सलाहकारों से विचार विमर्श किया करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यमराज की सभा में चंद्रवंशी और सूर्यवंशी राजा सलाहकार के तौर पर कार्य करते हैं और समय समय पर यमराज को सलाह देते हैं। यमलोक में चित्रगुप्त बतौर यमराज के सहायक के तौर पर कार्य करते हैं। इंसान के कर्मों और पापों से जुड़ी सारी जानकारी चित्रगुप्त द्वारा ही संभालकर रखी जाती है।

यमलोक में है एक नदी

पुराणों के अनुसार यमलोक में एक बेहद ही सुंदर नदी है जिसमें से खुशबू आती है और इस नदीं में कई सारी अप्सराएं मौजूद होती हैं। मरने के बाद इंसान की आत्माओं को इस नदी के पास आराम करने के लिए कुछ देर के लिए भेजा जाता है। वहीं पुराणों की मानें तो आत्माओं के परिवार वालों की और ये जो पिंडदान किया जाता है वो उन्हें इसकी यहां पर ही प्राप्त होता है और पिंडदान मिलने से उनको मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा जो लोग अपने जीवन में पाप करते हैं उन्हें यमलोक में कई सारी यातनाएं दी जाती हैं।

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