अध्यात्म

नवमीं श्राद्ध को करें ये काम, पितरों के आशीष से इच्छाएं होंगी पूरी, सदा बना रहेगा सौभाग्य

02 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है और इस बार श्राद्ध पक्ष में नवमी तिथि 11 सितंबर 2020 को पड़ रही है। आपको बता दें कि आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी का श्राद्ध कर्म किया जाता है। यह नवमी तिथि श्राद्ध पक्ष में बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। इस दिन माता और परिवार की विवाहित महिलाओं का श्राद्ध कर्म होता है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है उनके नाम से भोजन कराया जाता है। शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो अगर नवमी श्राद्ध किया जाए तो इससे श्राद्ध कर्ता को धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है और व्यक्ति का भाग्य सदा ही साथ देता है। आज हम आपको नवमी श्राद्ध के दिन कौन से कार्य करके अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर सकते हैं और पितरों का आशीर्वाद मिलेगा? इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

मातृ नवमी श्राद्ध पर करें यह काम

  • आप मातृ नवमी का श्राद्ध करते समय सबसे पहले सुबह के समय जल्दी उठ जाएँ और अपने सभी नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नान कर लीजिए। घर की दक्षिण दिशा में आप हरा कपड़ा बिछा लें।
  • आप नवमी श्राद्ध पर पूर्वज पितरों की तस्वीर या प्रतिमा के रूप में एक सुपारी हरे कपड़े के ऊपर स्थापित कीजिए, इसके बाद आपको पितरों के निमित्त तिल के तेल का दीपक जलाएं, सुगंधित धूप, जल में मिश्री और तेल मिलाकर तर्पण कीजिए।
  • आप इस दिन एक बड़ा दीपक आटे का बना कर जलाएं।
  • परिवार की पित्र माताओं का विशेष श्राद्ध करें।
  • आप पितरों की फोटो पर गोरोचन और तुलसी पत्र अर्पित कीजिए।
  • आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जो व्यक्ति श्राद्ध कर्म कर रहा है उसको कुश के आसन पर बैठना होगा और भागवत गीता के नवें अध्याय का पाठ करना होगा।
  • नवमी श्राद्ध के दिन आप निर्धन लोगों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं। भोजन कराने के पश्चात आप अपने सामर्थ्य अनुसार कपड़े, धन-दक्षिणा देकर इनको विदा कीजिए।

पितृपक्ष में इन बातों का रखें ध्यान

  • पितृपक्ष के दिनों में लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल ना करें।
  • पितृपक्ष के दौरान श्राद्धकर्त्ता को पान, दूसरे के घर में खाना और शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए।
  • आप बिल्ली, कुत्ते, कव्वे, पशु-पक्षियों का अपमान ना करें।
  • निर्धन लोगों और जरूरतमंद लोगों को अपने द्वार से खाली हाथ मत जाने दीजिए और ना ही उनका अपमान करें।
  • श्राद्ध के दिनों में दाढ़ी-मूछें ना कटवाएं।
  • श्राद्ध के दिनों में सत्तू, जीरा, मूली, काला नमक, लौकी, मसूर, चना आदि चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इन दिनों में आप बासी भोजन का भी सेवन मत कीजिए।

उपरोक्त आपको मातृ नवमी श्राद्ध के दिन कौन से कार्य करने चाहिए? इसके बारे में जानकारी दी गई है। शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो नवमी का श्राद्ध करने पर श्राद्ध करने वाले को धन, संपत्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और सौभाग्य सदा बना रहता है। अगर आप इस दिन जरूरतमंद निर्धन लोगों और ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं तो इससे मातृ शक्तियों का आशीर्वाद मिलता है। श्राद्ध के दिन बहुत ही विशेष माने गए हैं। अगर कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए तो इससे आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी अवश्य पसंद आई होगी। आप इसको अन्य लोगों में शेयर करना ना भूलें।

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