अध्यात्म

शत्रु, रोगों और विधार्थियों के लिए फलदायी होता है गायत्री मंत्र, इन नियमों का करें पालन

हिंदु धर्म में पूजा के दौरान कई मंत्रों और श्लोकों का उच्चारण किया जाता है। हर देवी-देवता के लिए अलग मंत्र होता है। जिसका जप कर के आप उनको प्रसन्न करते हैं। आज हम आपको एक ऐसा ही मंत्र के बारे में बताएंगे जिसमें बहुत शक्ति होती है। इस मंत्र की मदद से व्यक्ति अपनी जिंदगी की सभी समस्याओं से बाहर निकल सकता है। हम बात कर रहे हैं गायत्री मंत्र की। जी हां हिंदू धर्म के अनुसार गायत्री मंत्र में इतनी शक्ति होती है जो आपकी जीवन की हर समस्या को हल कर देती है। तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसे गायत्री मंत्र का जाप करने से आप सभी प्रकार की समस्याओं का हल पा सकते हैं।

कैसे करें गायत्री मंत्र का जाप

बता दें कि वैसे तो आप प्रतिदिन ही गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं, लेकिन शुक्रवार के दिन इस मंत्र का जाप और लाभकारी माना जाता है। जिसके अनुसार शुक्रवार के दिन आप पीले वस्त्र पहनकर हाथी पर विराजमान गायत्री मां का ध्यान करें।

मंत्र का आगे-पीछे श्री का संपुट लगाकर मंत्र का जाप करें।

यदि आप रविवार के दिन गायत्री माता का व्रत रखते हैं तो ये और भी लाभकारी होगा।

शत्रुओं से परेशान हैं तो ऐसे करें गायत्री मंत्र का जाप

मंगलवार, रविवार या फिर अमावस्या वाले दिन लाल रंग के कपड़े पहन कर मां दुर्गा का ध्यान करें और गायत्री मंत्र का जप करें।

इसी के साथ गायत्री मंत्र के आगे-पीछे क्लीं बीज मंंत्र का तीन बार संपुट लगाकर 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।

बता दें कि इस मंत्र का जाप करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।

रोगों से मुक्ति दिलाता है गायत्री मंत्र का जाप

बता दें कि वहीं गायत्री मंत्र का जाप करने से ना सिर्फ आपकी परेशानियां दूर होती है, बल्कि आपको रोगों से भी मुक्ति मिलती है। इसके लिए आपको करना ये होगा कि आपको किसी शुभ मुहुर्त में एक कांसे के लोटे में जल लें और आसन लगाकर बैठ जाएं। और फिर गायंत्री मंत्र के साथ ऐं ह्रीं क्लीं का संपुट लगाकर गायंत्री मंत्र का जाप करें। मंत्र का जाप करने के बाद उस पात्र में भरे जल का ही सेवन करें। ऐसा करने से आपको रोगों से छुटकारा मिल जाएगा।

विधार्थियों के लिए लाभदायी है गायत्री मंत्र

जहां गायत्री मंत्र रोगों से मुक्ति दिलाता है, वहीं यह विधार्थियों के लिए भी इस मंत्र का जाप भी काफी लाभदायी है। बता दें कि विधार्थी इस मंत्र को नियमानुसार 108 बार जाप करें। ऐसा करने से विधार्थियों का ना सिर्फ पढ़ाई में मन लगता है।

गायंत्री मंत्र जाप के नियम

गायत्री मंत्र जप को किसी गुरु के मार्गदर्शन में करना चाहिए।

गायत्री मंत्र के लिए शरीर की शुद्धता के साथ मन को भी शुद्ध रखना चाहिए।

गायत्री मंत्र जप करतेे समय साफ और सूती वस्त्र पहनने चाहिए।

गायत्री मंत्र का चप चटाई या आसन पर बैठकर करें।

गायत्री मंत्र का जप करते समय चन्दन की माला का प्रयोग करें।

गायत्री मंत्र का जप ब्रह्ममूहुर्त में यानी सुबह पूर्व दिशा की ओर मुख और शाम के वक्त पश्चिम दिशा में बैठकर करना चाहिए।

गायत्री मंत्र को आप अपने मन में किसी भी समय कर सकते हैं।

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