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भारत में यहां दूध का खाली प्लास्टिक पैकेट लौटाने पर सरकार देगी 50 पैसे

प्लास्टिक एक ऐसा कचरा हैं जो आसानी से अपने आप नष्ट नहीं होता हैं. इस प्लास्टिक कचरे की वजह से पर्यारण को काफी नुकसान पहुंचता हैं. बाजार में सामन लाने और ले जाने के लिए अधिकतर प्लास्टिक की पोलीथिन या पैकेट का ही इस्तेमाल होता हैं. हालाँकि पिछले कुछ सालो में कई राज्यों की सरकार ने इन प्लास्टिक की थैलियों पर बैन लगा दिया हैं. इससे काफी मात्रा में प्लास्टिक का कचरा कम होने लगता हैं. उदाहरण के लिए महाराष्ट्र सरकार 2018 में प्लास्टीक बैग लगाने के बाद 50 प्रतिशत प्लास्टिक कचरा कम करने में सफल रही हैं. इसी दिशा में और ज्यादा अच्छा काम करने के लिए पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने पोलीथिन पैकेट्स को रिसाईकल करने की दिशा में एक दिलचस्प कदम उठाया हैं.

जानकारी के मुताबिक़ महाराष्ट्र में प्लास्टिक बैन के बाद इससे बनी चीजों जैसे प्लास्टिक बोटल्स का प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन और सेल्स में भारी गिरावट देखी गई थी. हालाँकि दूध के प्लास्टिक पैकेट्स इसका अपवाद रहे थे. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने दूध बनाने वाली सभी कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वो अपने ग्राहकों के लिए एक बाय बेक स्कीम लाए. इस स्कीम के तहत जब भी कोई ग्राहक दुकानदार को एक दूध का इस्तेमाल किया गया खाली प्लास्टिक पैकेट लौटाएगा तो उसे बदले में 50 पैसे दिए जाएंगे. इस तरह आप महीने भर में यदि रोज एक दूध का पैकेट भी लेते हैं तो उन्हें वापस कर 15 रुपए की बचत कर पाएंगे और साथ ही इससे पर्यावरण नुकसान में कमी आएगी.

आपके द्वारा दिए गए खाली दूध के पैकेट्स को बाद में रिसाइकिल के लिए भेज दिया जाएगा. रामदास कदम के अनुसार इस प्रोसेस की वजह से दूध के पैकेट्स की कीमतों में कोई भी वृद्धि नहीं होगी. यही स्कीम अगले एक महीने के भीतर लागू कर दी जाएगी. इससे रोड पर जो रोजाना 31 टन प्लास्टिक और 1 करोड़ पॉलीथीन पैकेट्स फ़ालतू पड़े रहते थी उनमे कमी आएगी.

कदमजी के अनुसार सरकार अब तक प्लास्टिक बैन के नियम का उलंघन करने वाली 6,369 दुकाओं पर कारवाई कर चुकी हैं. इसके तहत उन्होंने अब तक 4,12,20,588 रुपए का कुल फाइन भी कलेक्ट किया हैं. इसके अलावा इन प्लास्टिक बैग्स को बनाने वाली 273 फैक्ट्रीयों को अपना प्रोडक्शन बंद करने के निर्देश दिए गए हैं.

विश्वभर में बढ़ती प्लास्टिक कचरे की समस्यां से निजात पाने में ये एक बहुत ही अच्छा कदम हैं. इससे लोग पैसो के लालच में दूध की पन्नियाँ रोड पर नहीं फेकेंगे. बल्कि इन्हें दुकानदार को वापस लौटा देंगे. महाराष्ट्र सरकार की इस नई स्कीम की खबर वायरल होने के बाद देश के अन्य हिस्सों में भी लोग इसकी मांग कर रहे हैं. वैसे सरकार तो अपने लेवल पर पर्यावरण को सुरक्षित रखने की पूर्ण कोशिश कर रही हैं. लेकिन इसमें मुख्य भूमिका हम आम नागरिको को भी निभानी होगी. हमें अपने पर्यावरण के प्रति लापरवाही बरतना बंद करना होगा. यदी दुकानदार आपको प्लास्टिक बैग दे भी तो भी आप उसे ना ले. कपड़े कि बनी थैलियों का ही इस्तेमाल करे. आपकी एक कोशिश पर्यावरण को संरक्षित रखेगी और आने वाली नई जनरेशन को एक बेहतर कल दे पाएगी.

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