अध्यात्म

आज नरसिंह जयंती पर इन उपायों को करने से दूर हो जाएंगी जीवन की परेशानियां, कर पाएंगे धन की बचत

अगर हम हिंदू पंचांग के अनुसार देखें तो भगवान नरसिंह जी का अवतार वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन हुआ था, भगवान विष्णु जी के चौथे अवतार भगवान नरसिंह माने जाते हैं, भगवान विष्णु जी ने हमेशा से ही अपने भक्तों के कल्याण के लिए अवतार लिए हैं, लेकिन इनका नरसिंह अवतार बाकी अवतारों से कुछ भिन्न था क्योंकि इनके इस अवतार में ना यह मानव थे ना यह सिंह थे बल्कि आधे सिंह और आधे मनुष्य का रूप इन्होंने धारण किया था, इनका सिर और धड़ मनुष्य के रूप में था परंतु इनका चेहरा और पंजा सिंह की तरह था, आपको बता दें कि 06 मई 2020 यानी बुधवार के दिन नरसिंह जयंती मनाई जाएगी, भगवान नरसिंह जी के जन्मोत्सव के रूप में नरसिंह जयंती मनाई जाती है।

नरसिंह जयंती का महत्व

अगर व्यक्ति नरसिंह जयंती का व्रत करता है तो उसके जीवन के सभी दुख दूर होते हैं, और भगवान की कृपा उसके ऊपर हमेशा बनी रहती है, नरसिंह जयंती के दिन सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान करके भगवान का ध्यान करना चाहिए, इस दिन हवन इत्यादि कराना शुभ माना जाता है, नरसिंह जयंती पर व्रत करने वाले मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं, अगर आप नरसिंह जयंती के दिन नरसिंह भगवान की पूजा करते हैं तो लक्ष्मी जी की भी पूजा करें, इससे धन की देवी माता लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होगी।

जाने भगवान विष्णुजी ने कब लिया था नरसिंह अवतार

भगवान श्री हरि जी ने अपने भक्त प्रल्हाद की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार धारण किया था, जब प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप को ब्रह्मा जी से वरदान मिला तो यह अपने आपको दुनिया में सबसे श्रेष्ठ समझने लगा और यह अपने आप को भगवान समझ बैठा, इसने अपनी प्रजा को यह आदेश दिया कि सब उसको भगवान माने और उसकी पूजा करें, जो इसकी बात नहीं मानेगा उसको मृत्युदंड की सजा दी जाएगी, सभी ने हिरण्यकश्यप की बात मानी परंतु इसके पुत्र प्रह्लाद ने इसकी बात मानने से इंकार कर दिया, प्रह्लाद भगवान विष्णु जी के परम भक्त थे और यह हमेशा भगवान के भक्ति में लगे रहते थे।

हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को समझाने की कोशिश की परंतु प्रह्लाद नहीं माने तो फिर एक दिन प्रह्लाद से उसके पिताजी ने पूछा कि तुम्हारा भगवान कहां रहता है तो अपने पिता के इस प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रह्लाद ने कहा कि मेरे भगवान हर जगह रहते हैं, इस सामने खड़े खम्भे में भी मेरे भगवान है, मेरे भगवान हर जगह है, यह बात सुनकर हिरण्यकश्यप को काफी क्रोध आ गया और क्रोध में आकर उसने प्रह्लाद पर प्रहार कर दिया, तब खंभे को चीर कर भगवान विष्णु जी प्रकट हुए थे, भगवान विष्णु जी का यह अवतार नरसिंह अवतार था, तब हिरण्यकश्यप को अपनी गोद में बिठा कर अपनी नाखूनों से किसका वध किया था और अपने भक्तों की रक्षा की थी।

नरसिंह जयंती के उपाय

  • आप नरसिंह जयंती पर भगवान नरसिंह को नागकेसर अर्पित कीजिए इससे आपके पास धन रुकेगा, अगर आप इनको नाग केसर चढ़ाकर इसको अपने धन रखने का स्थान पर रखते हैं तो इससे कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
  • आप किसी भी नरसिंह मंदिर में जाकर इस दिन मोर पंख अर्पित कीजिए, इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
  • अगर आप कोर्ट कचहरी के मामलों से छुटकारा प्राप्त करना चाहते हैं तो आप नरसिंह चतुर्दशी पर भगवान को दही प्रसाद के रूप में अर्पित करें।
  • अगर आप नरसिंह भगवान को चंदन का लेप लगाते हैं तो उससे लंबी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
  • कर्ज से मुक्ति पाने के लिए नरसिंह भगवान को चांदी या मोती अर्पित कीजिए।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button