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अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों की खैर नहीं, आसानी से पास नहीं होगा टेस्ट, होने जा रहा बदलाव

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए यह खबर बेहद काम की हो सकती है. यह खबर ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी
है. जो लोग अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के बारे में सोच रहे है उनके लिए यह खबर आवश्यक है. दरअसल ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में जल्द ही बदलाव होने जा रहे है.

फरवरी में ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में बदलाव होने वाले है. जो लोग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते है उन्हें थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. बताया जा रहा है कि जल्द ही दिल्ली में ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक ऑटोमेटिक हो जाएंगे. ऐसे में नए लोगों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना थोड़ा मुश्किल होगा.

13 में से 12 ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक हो चुके हैं ऑटोमैटिक

जानकारी के लिए आपको बता दें कि दिल्ली में कुल 13 ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक हैं. इनमें से 12 ऑटोमैटिक हो चुके हैं. अब जल्द ही एक और ट्रैक में बदलाव होने के बाद सभी 13 ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक ऑटोमैटिक हो जाएंगे. फिलहाल एक शेष ट्रैक पर टेस्ट अभी भी मैन्युअल तरीके से हो रहे है. जनवरी के आखिर तक इसमें बदलाव हो जाएगा.

कैमरे की निगरानी में होती है ऑटोमैटिक ट्रैक पर टेस्ट ड्राइविंग

दिल्ली में अब पूर्णतः ड्राइविंग टेस्ट ऑटोमेटिक होने जा रहा है. बता दें कि ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे और सेंसर की निगरानी में की जाती है. ऐसे में कई लोगों आसानी से यह टेस्ट पास नहीं कर पाते है. इसके लिए बेहद समझदारी और सावधानी के साथ ड्राइविंग करना होती है. ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट प्रक्रिया में कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता है. यह एक निष्पक्ष टेस्ट होता है. इनके माध्यम से आवेदकों की ड्राइविंग की 24 पैरामीटर्स पर जांच की होती है.

ड्राइविंग टेस्ट ऑटोमेटिक होने के कई फायदे

ड्राइविंग टेस्ट ऑटोमेटिक होने के चलते चाहे टेस्ट में कई लोगों को परेशानी होती हो लेकिन इसके कई फायदे भी है. उसका सबसे बड़ा फायदा है क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में भ्रष्टाचार पर रोक लगना. ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम में ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया ऑनलाइन संपन्न होती है. ऐसे में धांधली या भ्रष्टाचार के आसार न के बराबर रहते है.

सड़क दुर्घटना में भी कमी

टेस्टिंग ट्रैक ऑटोमेटिक होने के बाद से अब सड़क हादसों में भी कमी देखने को मिलेगी. क्योंकि इस टेस्ट से पास हुए आवेदक एक अच्छे वाहन चालक का प्रमाणपत्र खुद को देते है. ऐसे में जब वे सड़क पर वाहन चलाएंगे तो बेहतर तरीके से चीजों को समझ पाएंगे. इस वजह से सड़क हादसों में कमी आएगी.

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