अध्यात्म

राहु-केतु और शनि की बिगड़ी दशा से चल रहें हैं परेशान तो करें यह उपाय, सब कुछ हो जाएगा ठीक

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु, केतु और शनि की स्थिति खराब चल रही है तो इसके कारण जीवन में बहुत सी परेशानियां उत्पन्न होने लगती है। अक्सर व्यक्ति इन ग्रहों की दशा को सुधार करने के लिए तरह-तरह के उपाय करता है, परंतु उसको कोई भी फायदा नहीं मिल पाता है। सबसे पहले हमको इस बात को जानना होगा कि आखिर शनि, राहु और केतु दोष की वजह से हमारे ऊपर कैसा प्रभाव पड़ता हैं। आपको बता दें कि राहु सिर है और केतु धड़ है। यदि किसी व्यक्ति के ऊपर यानी सिर तक किसी भी प्रकार की गंदगी या खार जमा है तो ऐसे लोग राहु के प्रकोप की वजह से पीड़ित रहते हैं। अगर किसी व्यक्ति के फेफड़े, पेट और पैर में किसी प्रकार का विकार उत्पन्न होता है तो ऐसे लोग केतु के प्रकोप का शिकार होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को हड्डी, बाल, दांत या आंत से संबंधित कोई समस्या है तो ऐसे लोगों के ऊपर शनि का प्रकोप रहता है।

राहु की मार के लक्षण

  • अगर व्यक्ति के शरीर में गंदगी है तो इसकी वजह से राहु का प्रकोप मंडराने लगता है।
  • व्यक्ति के जीवन में अचानक ही घटनाएं होने लगती है।
  • व्यक्ति बेईमान और धोखेबाज हो जाता है।
  • राहु की मार की वजह से व्यक्ति की तरक्की भी रुक जाती है।
  • राहु की वजह से व्यर्थ के दुश्मन बढ़ने लगते हैं।
  • अगर राहु खराब हो तो व्यक्ति के दिमाग में बहुत सी खराबियां उत्पन्न होने लगती है, यहां तक कि गुरु भी साथ छोड़ देता है।

केतु की मार के लक्षण

  • अगर व्यक्ति जुबान से कड़वे शब्द बोलने लगता है या दिल से गंदा हो जाता है तो उसके ऊपर केतु की अशुभ दशा चल रही है।
  • अगर व्यक्ति बात-बात पर रंग बदल देता है तो वह केतु का शिकार है।
  • व्यक्ति धोखा, फरेब, अत्याचार करने लगता है तो यह केतु की बुरी दशा के लक्षण है।
  • अगर व्यक्ति की सारी गतिविधियां रुकने लगती हैं। नौकरी, धंधा, खाना, पीना बंद हो जाता है तो यह केतु के बुरे प्रभाव के लक्षण हैं।
  • गृह क्लेश, पेशाब की बीमारी, जोड़ों का दर्द आदि केतु के खराब होने के लक्षण हैं।

शनि की मार के लक्षण

  • मांस-मदिरा का सेवन करना, झूठ बोलना, पराई स्त्री के साथ रहना, अधर्म के मार्ग पर चलना, हमेशा धर्म की बुराई करना, किसी व्यक्ति का मजाक उड़ाना, पिता और पूर्वजों का अपमान करना। यह सब शनि की मार के लक्षण हैं।
  • जीवन की सुख-शांति, सुख और समृद्धि छीन जाना शनि के प्रकोप की वजह से होता है।
  • शनि की मार की वजह से व्यक्ति बुराई के मार्ग पर चलने लगता है, व्यक्ति अपने आप को बर्बाद कर देता है।
  • कर्ज, लड़ाई-झगड़े या मकान बिक जाना। शनि के अशुभ प्रभाव है।
  • बाल तेजी से झड़ने लगना शनि के अशुभ प्रभाव की वजह से होता है।
  • धन-संपत्ति का नाश होना। शनि के अशुभ प्रभाव के लक्षण हैं।

शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव से बचने के उपाय

1. शनि के बुरे प्रभाव से बचने के उपाय- अगर किसी व्यक्ति के ऊपर शनि का बुरा प्रभाव है तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को भैरव मंदिर में जाकर अपने द्वारा हुए पापों की क्षमा मांगनी चाहिए। मांस-मदिरा, जुआ, सट्टा, धर्म की बुराई, पिता-पूर्वजों के अपमान जैसे कामों से दूर रहना चाहिए। आप रोजाना शरीर को साफ करें। कव्वे को रोजाना रोटी खिलाएं। छाया दान करें। शनि मंदिर में जाकर शनिदेव की पूजा करें।

2. राहु के बुरे प्रभाव से बचने के उपाय- अगर किसी व्यक्ति के ऊपर राहु का बुरा प्रभाव है तो ऐसी स्थिति में सिर पर चोटी रख सकतें हैं। आप हमेशा भोजन भोजनकक्ष में ही कीजिए। आपको ससुराल पक्ष से संबंध अच्छे रखने होंगे। आप रात के समय सोते वक्त सिरहाने मूली रखकर सो सकते हैं और सुबह मूली को मंदिर में दान करें।

3. केतु के बुरे प्रभाव से बचने के उपाय- अगर आपके तो के बुरे प्रभाव से बचना चाहते हैं तो आपको अपनी संतानों से संबंध अच्छे रखने होंगे। भगवान गणेश जी की आराधना कीजिए। केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए आप दोनों कान छिदवा सकतें हैं। आप किसी मंदिर में निर्धन लोगों को सफेद और काला दोरंगी कंबल दान कीजिए। दो रंग के कुत्ते को रोटी खिला सकते हैं या फिर कुत्ता पाल सकते हैं।

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