बॉलीवुड

जब अचानक हेमा से मिलने आ गई थी धर्मेंद्र की मां, एक्ट्रेस ने छुए पैर, फिर सास ने कही थी ऐसी बात

हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने बॉलीवुड में लंबा और सफल सफर तय किया है. करीब 25 साल की उम्र में उन्होंने अपने कदम हिंदी सिनेमा में रख दिए थे. उनकी पहली फिल्म थी ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’. धर्मेंद्र की यह फिल्म साल 1960 में रिलीज हुई थी.
धर्मेंद्र अब भी बॉलीवुड में काम कर रहे हैं. 87 वर्षीय धर्मेंद्र ने अपने काम के साथ ही निजी जिंदगी से भी खूब सुर्खियां बटोरी है. दो शादी के अलावा उनके अनीता राज और मीना कुमारी जैसी अभिनेत्रियों संग अफेयर भी रहे हैं. धर्मेंद्र जब महज 19 साल के थे तब साल 1954 में उनकी शादी प्रकाश कौर से हो गई थी.

प्रकाश कौर से शादी के बाद धर्मेंद्र के चार बच्चे हुए. दो बेटी अजीता देओल और विजेता देओल. जबकि दो बेटे सनी देओल और बॉबी देओल. शदीशुदा होने और चार बच्चों के पिता होने के बावजूद धर्मेंद्र ने हिंदी सिनेमा की सदाबहार अदाकारा हेमा मालिनी से दूसरी शादी कर ली थी.

पहली शादी के 26 साल बाद धर्मेंद्र दोबारा शादी के बंधन में बंधे थे. हिंदी सिनेमा में कम करने के बाद धर्मेंद्र का दिल हेमा पर आ गया था. दोनों कलाकारों ने कई फिल्मों में काम किया था और इसी बीच दोनों एक दूजे पर दिल हार बैठे. इसके बाद दोनों ने कई साल तक अफेयर चलाया और फिर साल 1980 में यह जोड़ी विवाह बंधन में बंध गई थी.

धर्मेंद्र और हेमा की शादी पर खूब बवाल भी मचा था. क्योंकि यह धर्मेंद्र की दूसरी शादी थी. वे पहले से ही चार बड़े-बड़े बच्चों के पिता भी थे. हालांकि समय के साथ सब ठीक होते गया. धर्मेंद्र ने अपनी पहली पत्नी को भी तलाक नहीं दिया था. धर्मेंद्र के अपनी दोनों ही पत्नियों संग रिश्ते मधुर है.

हेमा मालिनी की बायोग्राफी ‘हेमा मालिनीः बेयोन्ड द ड्रीम गर्ल’ में उनसे जुड़े कई खुलासे हुए है. इसमें वो किस्सा भी है जब उनकी मुलाकात अचानक से ही उनकी सास और धर्मेंद्र की मां सतवंत कौर से हुई थी. बात उन दिनों की है जब हेमा मालिनी पहली बार प्रेग्नेंट हुई थीं.

हेमा मालिनी की बायोग्राफी ‘हेमा मालिनीः बेयोन्ड द ड्रीम गर्ल’ राम कमल मुखर्जी ने लिखी है. जो किस्सा हम आपको बता रहे हैं उसके बारे में खुद अभिनेत्री ने राम कमल मुखर्जी से बातचीत की थी. हेमा की पहली प्रेग्नेंसी के दिनों में अचानक से उनकी सास उनसे मिलने के लिए एक डबिंग स्टूडियो आ गई थीं.

हेमा ने कहा था कि, ”धरमजी की मां सतवंत कौर बहुत ही दयालु और स्नेही थीं. मुझे बहुत अच्छे से याद है कि कैसे एक बार जब मैंने ईशा को कंसीव किया और उन्हें मेरी प्रेग्नेंसी का पता चला तो वह जुहू के एक डबिंग स्टूडियो में मुझसे मिलने आ गई थीं. उन्होंने घर में किसी को इसके बारे में नहीं बताया था. जैसे ही वह पहुंचीं, मैंने उनके पैर छुए, उन्होंने मुझे गले लगाया और कहा, ‘बेटा, खुश रहो हमेशा.’ मैं खुश थी कि वे मुझसे खुश थीं”.

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