अध्यात्म

भगवान शिव का अद्भुत मंदिर जहां शिव भक्तों को मिलती है पाप से मुक्ति

भगवान भोलेनाथ की महिमा कौन नहीं जानता, इनकी महिमा अपरंपार बताई गई है, यह स्वभाव के बहुत ही भोले हैं जो भक्त अपने सच्चे मन से इनकी पूजा-अर्चना करता है उसके ऊपर यह हमेशा अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं, हमारे देश भर में भगवान शिव जी के बहुत से मंदिर मौजूद है और इन मंदिरों में आए दिन चमत्कार होना एक आम बात है, हर शिव मंदिर की अपनी अलग अलग विशेषता है, जिसकी वजह से यह दुनिया भर में प्रसिद्ध है, हर कोई यही चाहता है कि भगवान शिव जी की कृपा दृष्टि उनके ऊपर हमेशा बनी रहे और जीवन के सभी पाप और परेशानियों से छुटकारा मिल सके, भगवान शिव जी के सभी मंदिरों की मान्यताएं अलग-अलग बताई गई है और इन मंदिरों के अंदर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।

लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जहां पर शिव भक्तों को पापों से छुटकारा मिलता है, शायद आप लोगों में से ऐसे बहुत से लोग होंगे जिनके मन में यह विचार उत्पन्न हो रहा होगा कि आखिर ऐसा कौन सा मंदिर है जहां पर पापों से मुक्ति मिल सकती है? लेकिन एक ऐसा शिव मंदिर मौजूद है जहां पर लोग अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए जाते हैं और यहां पर पाप मुक्ति का सर्टिफिकेट भी दिया जाता है।

आप सभी लोगों ने अच्छे कार्य, शिक्षा और प्रतियोगिता के लिए सर्टिफिकेट हासिल किया होगा लेकिन हम आज जिस शिव मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर पाप मुक्ति का सर्टिफिकेट मिलता है जी हां, इस अद्भुत और अनोखे मंदिर में लोगों को पाप मुक्ति का सर्टिफिकेट दिया जाता है, दरअसल, हम जिस अनोखे शिव मंदिर के बारे में आपको बता रहे हैं यह शिव मंदिर राजस्थान के प्रतापगढ़ में स्थित है, इस मंदिर को गौतमेश्वर शिव मंदिर के नाम से लोग जानते हैं।

गौतमेश्वर मंदिर के प्रांगण में मोक्ष दायिनी कुंड स्थित है, जिसमें भक्त स्नान करते हैं और उसके बाद पुजारी द्वारा उनको पाप मुक्ति का सर्टिफिकेट दिया जाता है, यहां के स्थानीय लोगों का ऐसा बताना है कि इस मंदिर के अंदर यही सर्टिफिकेट लेने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, जिन लोगों से जाने अनजाने में कोई पाप हो गया है या फिर अपने पाप कर्मों की वजह से समाज से उनको निकाल दिया गया है, वह इस मंदिर में आते हैं और इस मंदिर के कुंड में डुबकी लगाकर पुजारी से पाप मुक्ति का सर्टिफिकेट प्राप्त करते हैं।

कई लोगों के मन में यह सवाल होगा कि आखिर यह परंपरा कैसे आरंभ हुई थी? आखिर इसकी क्या मान्यता है? तो आपको बता दें कि मान्यता अनुसार ऐसा बताया जाता है कि एक बार गौतम ऋषि पर एक बार गौहत्या का कलंक लग गया था तब उस समय के दौरान वह प्रतापगढ़ के इसी मंदिर में स्थित सरोवर में स्नान करने के लिए आए हुए थे, इस मंदिर के कुंड में स्नान करने के पश्चात गौतम ऋषि को गौहत्या के कलंक से छुटकारा मिला था, ऐसा बताया जाता है कि इसके पश्चात से ही गौतमेश्वर स्थित मंदिर के इस कुंड में जो भी व्यक्ति स्नान करता है उसको अपने सभी पापों से छुटकारा मिलता है।

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