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अरशद वारसी स्टोरी : 14 की उम्र में हुए अनाथ, किरायेदार ने छीना घर, बिंदी-काजल बेचकर किया गुजारा

हिंदी सिनेमा के जाने-माने अभिनेता अरशद वारसी ने बॉलीवुड में साइड और सहायक रोल से नाम कमाया है. बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम कर चुके अरशद वारसी फैंस से अपने अभिनय के लिए सुर्खियां बटोर चुके हैं. बॉलीवुड में करीब ढाई दशक पहले उन्होंने करियर की शुरुआत की थी.

बॉलीवुड में काम करने के बाद अरशद वारसी की जिंदगी और किस्मत दोनों बदल गई थी. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. लेकिन बचपन से ही अरशद को काफी दुःख दर्द झेलने पड़े थे. छोटी उम्र में ही उन्होंने बड़ी तकलीफों का सामना किया था.

बॉलीवुड में काम करने और फिर नाम कमाने में भी उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. अब चाहे अरशद एक शानदार जीवन जीते हो लेकिन कभी उनका घर तक छीन लिया गया था. माता-पिता भी बहुत कम उम्र में ही चल बसे थे. माता-पिता चले गए थे उनका घर उनके किरायेदारों ने ही हड़प लिया. गरीबी में और मुश्किल हालातों में पढ़ाई भी छूट गई. आइए आज आपको विस्तार से अरशद की जिंदगी की कहानी के बारे में बताते है.

अरशद वारसी 54 साल के हो चुके हैं. उनका जन्म 19 अप्रैल 1968 को मुंबई में हुआ था. अरशद वारसी जब महज 14 साल के थे तब उन्हें बहुत बड़ा सदमा लगा था. इस छोटी सी उम्र में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया था. माता-पिता के चले जाने के चलते आज से 40 साल पहले अरशद अनाथ हो गए थे.

अनाथ हुए, किरायेदारों ने हड़प लिया घर

पहले माता-पिता के चले जाने के चलते अरशद पर दुःखों का बड़ा पहाड़ टूटा फिर इसके बाद उनकी घर छीन लिया गया. उनके घर पर कब्जा उनके किरायेदारों ने ही कर लिया था. इसके चलते वे और उनके भाई बेघर हो गए थे. इसके बाद जैसे तैसे अरशद अपने भाई के साथ एक किराये के कमरे में रहे.

10वीं तक की पढ़ाई, गुजारा करने के लिए बिंदी, चूड़ी, काजल बेचा

एक के बाद एक दुःख दर्द का अरशद वारसी को सामना करना पड़ा. अनाथ हुए. फिर घर छीन लिया गया और फिर गुजारा करने के लिए छोटे-मोटे काम भी करने पड़े. एक समय पेट पालने के लिए अरशद को घर-घर जाकर बिंदी, चूड़ी, काजल तक बेचने पड़े. आर्थिक हालात ठीक न होने के चलते अरशद को पढ़ाई भी बीच में ही छोड़नी पड़ी. अभिनेता सिर्फ वीं कक्षा तक पढ़े हैं.

जया बच्चन ने ऑफर की फिल्म, फिर बने बॉलीवुड के सर्किट

समय बढ़ता गया तो अरशद की रुचि सिनेमा में बढ़ने लगी. मशहूर अदाकारा और सपा नेत्री जया बच्चन ने अरशद को फिल्म ‘तेरे मेरे सपने’ में लीड रोल की पेशकश की थी. जया की इस फिल्म के लिए अरशद ने हामी भर दी. साल 1996 में रिलीज हुई यह फिल्म सफल रही और अरशद ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा.

ऐसे बने बॉलीवुड के ‘सर्किट’

अरशद को खास और बड़ी पहचान फिल्म ‘मुन्ना भाई एम बी बी एस’ से मिली थी. इस फिल्म में उनके द्वारा निभाया गया किरदार ‘सर्किट’ आज भी खूब पसंद किया जाता है. आज भी अधिकतर फैंस अरशद को ‘सर्किट’ के रोल के रुप में ही जानते हैं.

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