जरा हटके

वाई-फाई का इससे बेहतर उपयोग शायद ही किसी ने किया होगा, केरल के कुली ने पेश की अनोखी मिसाल

आमतौर पर जब लोगों को फ्री में वाई-फाई और इंटरनेट की सुविधा मिलती है, तो वे गाने,वीडियो, फिल्म डाउनलोडिंग और सोशल मीडिया पर व्यस्त हो जाते हैं, पर वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग जो इंटरनेट की क्षमता को समझते हुए उपयोगी काम कर जाते हैं और वास्तव में सूचना क्रांति के अवधारणा को सही सिद्ध करते हैं। इंटरनेट आम इंसान की जिंदगी में क्या बदलाव ला सकता है, इसकी बेहतरीन बानगी देखने को मिली है केरल के एर्णाकुलम रेलवे स्टेशन पर, जहां एक कुली के सरकारी नौकरी करने के सपने को सच कर दिखाने में रेलवे स्टेशन पर लगे फ्री वाई-फाई सेवा ने मदद की ।

ये बेहद प्रेरणादायी कहानी केरल के मुन्नार के रहने वाले श्रीनाथ की है, जो  पिछले पांच साल से एर्णाकुलम स्टेशन पर कुली का काम कर रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर कुली का काम कर अपनी आजीविका चलाने वाले श्रीनाथ ने खुद के लिए अच्छे दिनों की चाहत में रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध मुफ्त वाई-फाई का उपयोग करना शुरु किया और वाईफाई सुविधा के सहारे इंटरनेट के जरिये पढ़ाई कर केरल पब्लिक सर्विस कमीशन की लिखित परीक्षा पास की।  ऐसे में अब अगर श्रीनाथ अगर आयोग के इंटरव्यू को पास कर लेते हैं, तो उन्हें भू-राजस्व विभाग में ग्राम सहायक का पद मिल सकता है।

यहां सबसे बड़ी बात ये है कि जहां सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्रों को दिनों रात किताबों के बीच घिरा देखा जाता है वहीं श्रीनाथ तैयारी के दौरान किताबों में नहीं डूबे रहे बल्कि उन्होने अपना काम करते हुए स्मार्ट फोन और ईयरफोन के सहारे पढ़ाई किया। दरअसल श्रीनाथ सिविल परीक्षा के इम्तिहान में बैठने का ये तीसरा प्रयास था, पर उनका कहना है कि ये पहला मौका था, जब उन्होंबने स्टेशन पर उपलब्ध वाईफाई सुविधा का इस्तेमाल किया। उन्होंने अपनी तैयारी के बारे में बताया कि कुली के काम करने के दौरान ही वे हमेशा ईयरफोन कान में लगाए रखते थे और इंटरनेट पर अपने संबंधित विषयों का लेक्चर सुना करते थे और उन्हे मन ही मन दोहराते भी रहते थे, इसके बाद जब रात को मौका मिलते तो वे उनको रिवाइज भी करते थे।

इस तरह से उन्होनें स्टेशन पर ही वाई-फाई की मदद से अपनी तैयारी जारी रखी , यहां तक कि इसी वाईफाई की मदद से उन्होंनने अपना ऑनलाइन परीक्षा फार्म भी भरा और खुद को देश दुनिया की ताजा जानकारियों से अपडेट किया जिसकी बदौलत वे केरल पब्लिक सर्विस कमीशन की लिखित परिक्षा को पास करने में सफल हो सके। निश्चित तौर पर श्रीनाथ के तरह ही दूसरे युवाओं के लिए फ्री इंटरनेट की सेवा किसी सौगात से कम नही है बस जरूरत है उसके सही उपयोग की, जैसा कि श्रीनाथ ने कर दिखाया है। वहीं अब श्रीनाथ इसी इंटरनेट की मदद से जमकर प्रशासनिक सेवा की तैयारी का मन बना रहे हैं। उन्होने रेलवे की कई दूसरी सरकारी नौकरियों के लिए भी आवेदन दिया है, वहीं जब उनसे उनके ख्वाबों की नौकरी के बारे में पूछा गया तो  श्रीनाथ ने कहा, ‘‘मेरी आदर्श नौकरी क्या है?.. शायद कुछ अधिकारों वाला एक व्यक्ति, जिससे मैं अपने गांव में बेहतर बदलाव ला सकूं.”

इस तरह रेलवे स्टेशन पर मौजूद वाईफाई ने श्रीनाथ के सपनों में पंख लगा दिए.. और आज श्रीनाथ पूरे देश में मिसाल बन चुके हैं, क्योंकि शायद ही किसी व्यक्ति ने इससे पहले फ्री इंटरनेट सेवा का इससे बेहतर कोई उपयोग किया होगा। वैसे इंटरनेट की इसी क्रांतिकारी क्षमतो के देखते हुए ही देश में स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा 2016 में शुरू की गई थी। जो कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया इनीशिएटिव का ही हिस्सा है, तक देश के 685 रेलवे स्टेशन वाई-फाई तकनीक से लैस हैं और आगे रेलवे का टार्गेट 2019 तक 8500 स्टेशन पर यह सुविधा मुहैया कराना है।

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