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जब एक महिला ने पकड़ लिया था नेहरू का गिरेबान, फिर नेहरु ने की थी ऐसी हरकत

कुछ समय पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक रैली में इलाबाद गए थे जहां उन्होंने खूब आस्था में ज्यादा ध्यान लगाया. पूजा आरती की लेकिन जब उनसे कुछ छात्र मिलना चाह रहे थे और वे उनसे नहीं मिले तो उन छात्रों ने काला झंडा दिखा कर प्रदर्शन किया तो पुलिस ने उनपर अंधाधुंध लाठियां बरसाईं. यहां तक की बिना महिला पुलिसकर्मी के उन प्रदर्शनकारियों में शामिल एक लड़की को भी मारा और गिरफ्तार कर लिया. उनके साथ ऐसा बर्ताव किया गया जैसे वे कोई अपराधी हों. ऐसे प्रदर्शन में अमित शाह ने कोई एक्शन नहीं लिया, बताएंगे आपको ये पूरी बात लेकिन पहले आपको ये बता दें कि ऐसे में चाचा नेहरू क्या करते थे ? जब एक महिला ने पकड़ लिया था नेहरू का गिरेबान तो उन्होंने क्या किया था वो बहुत दिलचस्प घटना थी.

जब एक महिला ने पकड़ लिया था नेहरू का गिरेबान

जवाहर लाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और किसी की भी आलोचनाओं को निजी तौर पर नहीं लेते थे. यही उनकी सबसे अच्छी आदत थी और लोग उन्हें इसी लिए पसंद भी करते थे क्योंकि वे कभी अपनी आलोचनाओं को दिल से नहीं लगाते थे. ये बात है साल 1963 की जब राम मनोहर लोहिया उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव को जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे. संसद में लोहिया नेहरू को सिय्डो-सेक्युलर जैसे अपशब्दों से पुकारते थे लेकिन नेहरू इसे निजी तौर पर नहीं लेते थे. उसी दौरान बस्तर में हुए एक गैंगरेप की घटना संसद में बहस चल रही थी और नेहरू संसद छोड़कर चले गए थे. फिर दूसरे दिन संसद परिसर में इंदिरा गांधी को लोहिया ने चिकोटी काट ली फिर नेहरू ने इसपर नाराजगी प्रकट की.

उनकी इस नाराजगी पर लोहिया ने कहा ने कि अपनी बेटी को दर्द हुआ तो आप तुरंत बोल पड़े लेकिन बस्तर की उन बेटियों का क्या जिनके साथ बलात्कार हुआ फिर आप वापस क्यों चले गए थे. इसपर भी नेहरू ने कुछ भी नहीं कहा. सबसे बड़ा दिलचस्प किस्सा तब हुआ जब एक महिला अचानक संसद परिसर में नेहरू की गिरेबान पकड़ ली और बोलने लगी, ‘तुम देश के प्रधानमंत्री बन गए और मुझ बुढ़िया को क्या मिला.’ इसपर नेहरू ने जवाब दिया, “आपको ये मिला है कि आप देश के प्रधानमंत्री का गिरेबान पकड़ कर खड़ी हैं. नेहरू की जिंदगी से जुड़े ऐसे कई किस्से हैं जो लोकतंत्र में उनके विश्वास को उजागर करते हैं. जवाहर लाल नेहरू कभी भी अपनी आलोचनाओं से पीछा नहीं छुड़ाते थे और सबको अपनी बात कहने का मौका देते थे.

27 जुलाई को अमित शाह के इलाहाबाद दौरे पर जिन छात्रों को पकड़ा गया था उनके नाम नेहा यादव, रमा यादव दो छात्राएं हैं, जबकि एक छात्र किशन मौर्य शामिल है. इन तीनों छात्रों का संबंध समाजवादी पार्टी के छात्र विंग समाजवादी छात्र सभा से हैं. उन विद्यार्थियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 188, 341 और 505 के तहत केस दर्ज किया गया था. केस दर्ज होने के बाद उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया जहां उनकी जमानत की अर्जी खारिज करते हुए 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया था. बाद में इलाहाबाद सेशन कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी.

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