अध्यात्म

शत्रुबाधा का नाश करने के लिए 75 बत्ती वाले तेल का दीपक होता है बहुत ही महत्वपूर्ण

आपको बताते चलें की हुमरे हिन्दू धर्म में दान, पुण्य, तपस्या, आदि का बहुत ही महत्व बताया गया है। अलग अलग मौकों पर देश में कई तरह के पर्वों और व्रत त्यौहार मनाया जाता है जिस दौरान किए गए दान का अक्षय फल मनुष्य को प्राप्त होता है। बता दें की इन्ही मनोकामना को ध्यान में रखते हुए लेकर कुछ विशेष मौकों पर पौराणिक धर्मस्थलों और पवित्र सरोवरों तथा जलाशयों पर श्रद्धालुओं का भीड़ भी जुटती है। इस दौरान लोग पूजा-अर्चना करते है और यहाँ पर सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात ये है की लोग अपनी पुजा करने के बाद दीपदान करते हैं जिसके बारे में शास्त्रों में बताया गया है की दीपदान के माध्यम से लोग अपनी मनोकामनाओं को ईश्वर तक पहुंचाते हैं साथ ही साथ आपको यह भी बताते चलें की दीपदान किसी भी मनुष्य की विपत्ति के निवारणार्थ श्रेष्ठ उपाय माना गया है।

तिथिनुसार दीपदान का महत्व

देखा जाए तो दीपदान पूरे साल के दौरान कभी भी किया जा सकता है हालांकि अगर इसे किसी कास तिथि या विशेष नक्षत्र पर किया जाए तो वह दीपदान ज्यादा ही फलदायी माना जाता है। आपको बता दें की हिन्दू धर्म के अनुसार दीपदान के लिए धर्मशास्त्रों के अनुसार बसन्त, हेमन्त, शिशिर, वर्षा और शरद ऋतु उत्तम मानी गई है। इसके अलावा यदि बता की जाए पक्षों में तो बताते चलें की शुक्ल पक्ष के दौरान किया गया दीपदान सर्वाधिक उत्तम बताया गया है।

कष्टों का भी निवारण करता है दीपदान

आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की हिन्दू धर्म में शास्त्रों के अनुसार भूत–प्रेत बाधा से निवारण के लिए कई तरह के उपाय तथा तंत्र मंत्र बताए गए हैं। इसके अलावा आपको यह भी बता दें की यदि आप एक पाव तेल का दीपक लगातार 21 दिनों तक जलाते जाओन तो इससे बाहरी बाधा का नाश हो जाता है। इसके अलावा आपको यह भी बता दें की शत्रु शमन के लिए आपको 75 बत्ती वाली दीपक जलनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से बताया गया है की शत्रुओं का नाश होता है।

इसके अलावा आपको यह भी बता दें की पुत्र प्राप्ति के लिए भी दीपदान का काफी ज्यादा महत्व होता है, इसके लिए आपको उन्नीस दिन तक सवा पाव तेल का दीपक जलाने से सन्तान की प्राप्ति होती है और यदि आप किसी प्रकार की ग्रह पीड़ा से पीड़ित हैं तो इसके निवारण के लिए  चौसठ तोला तेल से दीपदान करने से किसी भी प्रकार की ग्रह पीड़ा समाप्त हो जाती है।

दीपदान में बत्तियों का महत्व

बताते चलें की दीपदान में बत्तियों का भी काफी ज्यादा महत्व बताया गया है। अलग अलग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विभिन्न रंगों की बत्तियों का प्रयोग किया जाता है। जैसे की आपको बता दें की शत्रुनाश के लिए पीली बत्तियों का प्रयोग सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह भी बता दें की दीपक को पू्र्वमुखी रखकर प्रज्वलित करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

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