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सुन्नी उलमा काउंसिल के ऐलान के बाद नए तरीके से प्रदर्शन करेंगे मुस्लिम, कहा- कुछ मुस्लिमों ने.’

लखनऊ : बीते कुछ दिनों से देश में अलग-अलग स्थानों पर हिंसा हो रही है. मुस्लिम देशभर में हिंसा कर रहे हैं. कुछ दिनों पहले भारतीय जनता पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित की गई नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक बयान दिया था. नूपुर शर्मा ने पैगंबर के निजी जीवन पर बयान दिया था.

nupur sharma

नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद देशभर में उनका विरोध किया गया. वहीं विदेशों में भी कई मुस्लिम देशों में नूपुर के बयान का विरोध हुआ. हालांकि इस दौरान नूपुर को देश-विदेश से उनके विवादित बयान पर लोगों का जमकर समर्थन भी मिला. विवाद बढ़ता देख नूपुर को भाजपा ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. साथ ही नूपुर ने अपना बयान वापस ले लिया था.

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बता दें कि नूपुर के विवादित बयान के बीच देश में कई हिस्सों पर शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन हुए. रांची, कानपुर सहित अलग-अलग जगहों पर मुस्लिमों ने हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान रांची में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में दो लोगों की मौत भी हो गई थी.

sunni ulama council

इस मामले के बीच अब उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन या हिंसात्मक प्रदर्शन नहीं होगा. इस संबंध में ऐलान सुन्नी उलमा काउंसिल ने किया. शुक्रवार को विरोध जताने के बजाय अब उत्तर प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान चलाकर मुसलमानों को जागरूक किए जाने का काम किया जाएगा.

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सुन्नी उलमा काउंसिल ने यह फैसला लिया है कि अब उत्तर प्रदेश में जुमे के नमाज के बाद सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन या हिंसा नहीं की जाएगी. इतना ही नहीं इस दिन शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी किए जाने को स्वीकृति नहीं दी जाएगी. अब विरोध प्रदर्शन आदि के लिए सुन्नी मुसलमान गांधीवादी रूप अपनाएंगे और अन्य दिन लोकतांत्रिक व शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जताएंगे. इस संबंध में शनिवार को सुन्नी उलमा काउंसिल की एक अहम बैठक प्रस्तावित है.

इस्लाम नहीं देता हिंसा की अनुमति…

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इस्लाम हिंसा की अनुमति नहीं देता है. यह कहना है ऑल इंडिया सुन्नी उलमा काउंसिल के महामंत्री हाजी मोहम्मद सलीस का. उन्होंने इस बात की ओर जोर दिया कि हमारा हथियार हमारा व्यवहार और हमारा अच्छा व्यक्तित्व होना चाहिए न कि हिंसा. उन्होंने यह भी मना कि कुछ मुस्लिमों ने जुमा को बदनाम कर दिया है जबकि इसका महत्व है. सुन्नी उलमा काउंसिल ने यह भी कहा है कि भीड़ बनाकर कहीं भी पत्थरबाजी या हिंसा करना गैर शरई कार्य है. यह स्वीकार नहीं है.

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