अध्यात्म

नहीं बनानी चाहिए गिनकर रोटियां, जान लीजिए वजह, वरना घर से चली जाएगी सुख-समृद्धि

भले ही आप रूटीन खाने में दाल बना लीजिए या सब्जी, लेकिन एक रेसिपी हमेशा शामिल की जाती है। जी हां, वह रोटी है। बिना रोटी के ना तो दाल अच्छी लगती है और ना ही सब्जी का स्वाद अच्छा लगता है। अक्सर कुछ लोगों को देखा गया है उनकी खाना बनाते समय घर के सदस्यों के अनुसार रोटियां गिनकर बनाने की आदत होती है। ऐसा इसलिए वह करते हैं ताकि रोटी बचे नहीं और बेकार ना हो।

अगर हम पहले की बात करें, तो जब संयुक्त परिवार होते थे तब घर के सभी सदस्य एक ही स्थान पर बैठकर साथ में खाना खाते थे परंतु जब से एकल परिवारों का चलन बढ़ा है, घरों में हर सदस्य के हिसाब से गिनकर रोटियां बनाई जाने लगी हैं। जाहिर सी बात है जब रोटियां गिनकर बनेंगी तो खिलाई भी गिनकर ही जाएंगी।

भले ही गिनकर रोटी बनाने का तरीका प्रैक्टिकल रूप से सही जरूर लगता है लेकिन इसकी वजह से कई प्रकार की परेशानियां हमारे जीवन में आ सकती हैं। जी हां, अक्सर आप सभी लोगों ने घर के बड़े बुजुर्गों से यह तो सुना ही होगा की रोटियां गिनकर नहीं बनानी चाहिए।

लेकिन क्या आपको यह बात मालूम है कि वास्तु शास्त्र के मुताबिक भी ऐसा करना आपको परेशानी में डाल सकता है। अगर आप भी रोटियां गिनकर बनाते हैं, तो आज से ही आप अपनी इस आदत को छोड़ दीजिए। तो चलिए जानते हैं इस विषय में वास्तु शास्त्र क्या कहता है।

कभी भी गिनकर ना बनाएं रोटियां

वास्तु शास्त्र के मुताबिक देखा जाए तो कभी भी रोटियां गिनकर नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि ऐसा करना अशुभ माना जाता है। अगर आप ऐसा करते हैं तो इसकी वजह से घर में सुख-समृद्धि पर इसका असर पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि गिनकर रोटियां बनाने से ग्रहों पर भी प्रभाव पड़ता है और यह सेहत के लिए हानिकारक होता है।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, गेहूं सूर्य का अनाज है और इससे मनुष्य के जीवन पर सूर्य का भी असर पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई महिला गिनकर रोटियां बनाती है, तो इससे सूर्य देवता का अपमान माना जाता है, जिसके कारण जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए गिनकर रोटी कभी नहीं बनानी चाहिए।

गाय के लिए बनाएं पहली रोटी

हिंदू धर्म में गाय की काफी मान्यता है। गाय को माता का दर्जा दिया गया है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि गौ माता में 33 कोटि देवी देवताओं का वास होता है। इसी वजह से उनको प्रसन्न करने के लिए गौ माता की सेवा की जाती है। हिंदू मान्यता के मुताबिक पहली रोटी जब बनती है, तो हम गाय माता को खिलाते हैं। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। इसी वजह से हमेशा पहली रोटी गाय के लिए निकालनी चाहिए।

कुत्ते के लिए बनाएं आखिरी रोटी

वास्तु शास्त्र के अनुसार हमेशा रोटी बनाते समय पहली रोटी गाय के लिए निकालनी चाहिए। वहीं आखिरी रोटी हमेशा कुत्ते के लिए बनानी चाहिए। ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है।

मेहमानों के लिए दो रोटी अलग से बनाएं

हिंदू धर्म में मेहमानों को भगवान का रूप माना जाता है और ऐसे में खाना खाते समय अगर कोई मेहमान आ जाए, तो उन्हें हमेशा खाना खिलाकर ही घर भेजें। इससे मां अन्नपूर्णा खुश होती हैं और उस घर में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसलिए माना जाता है कि खाना बनाते समय दो रोटी अतिरिक्त बनाकर रखनी चाहिए। ताकि यदि भोजन करते समय कोई मेहमान आ जाए, तो वह भूखा ना जाए।

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