अध्यात्म

Chanakya Niti: आस्तीन का सांप होते हैं ये 4 लोग, इनके साथ रहने से बर्बाद हो जाता है जीवन

कहते हैं जीवन में संगत का बहुत ज्यादा असर पड़ता है। आप जिन लोगों के साथ उठते बैठते हैं वह आपके जीवन और आदतों पर गहरा असर डालते हैं। इसलिए हमारे बड़े बुजुर्ग हमे अच्छी संगत वालों के साथ रहने की सलाह देते थे। चाणक्य नीति के रचयता आचार्य चाणक्य भी इस बात को अच्छे से जानते थे। इसलिए उन्होंने अपनी नीतियों में 4 ऐसे लोगों का जिक्र किया है जिनसे दूर रहने में ही हमारी भलाई है।

बुरे और नेगेटिव माहौल में रहने वाले लोग

आप जिस स्थान पर रहते हैं, वहाँ के वातावरण का आपकी सोच और विचार पर गहरा असर पड़ता है। जो लोग बुरे और नेगेटिव माहौल में रहते हैं उनके दिमाग में भी ऐसे ही विचार जन्म लेते हैं। ये कभी किसी का भला नहीं करते हैं। बल्कि अपने निजी लाभ के लिए दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं।

आचार्य चाणक्य के अनुसार हमे जीवन में ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए। यदि आप इन लोगों की संगत में रहते हैं तो आपकी सोच भी इनके जैसी खराब हो जाएगी। फिर आपका व्यवहार और बोलचाल भी उनके जैसा अनुचित हो जाएगा। इसलिए दोस्ती पॉजिटिव माहौल में रहने वालों के साथ ही करे।

गंदी नजर वाले लोग

कुछ लोगों की नजरें बेहद गंदी होती है। वह पराई स्त्री को बुरी नजरों से देखते हैं। उनके बारे में अनुचित सोचते हैं। ऐसे लोगों के साथ रहना अपने चरित्र पर दाग लगाने जैसा होता है। फिर यदि आप ने इन लोगों को दोस्त बना लिया और ये आपके घर आए तो आपके घर की बेटी बहुओं को भी इसी नजरों से देखेंगे।

इसलिए आचार्य चाणक्य ने स्त्री को गंदी नजर से देखने वालों से दूर रहने की सलाह दी है। इनके साथ रहकर आपकी नजर भी गंदी हो सकती है। आप अपने चरित्र को भी गंदा कर सकते हैं। ये चीजें समाज में आपकी और परिवार की बदनामी कराती है।

खराब व्यवहार वाले लोग

आचार्य चाणक्य की माने तो हमे उन लोगों के साथ रहने से भी बचना चाहिए जो व्यवहार कुशल नहीं होते हैं। जिनका व्यवहार खराब होता है। जो लोगों से अदब से बात नहीं करते हैं। दूसरों की मदद को आगे नहीं आते हैं। स्वार्थी होते हैं।

इन लोगों की संगत में रहकर हमारा व्यवहार भी खराब हो जाता है। एक खराब व्यवहार समाज में इज्जत घटाता है। फिर हमसे सच्ची दोस्ती भी कोई नहीं करता है। सब दूर रहते हैं। कोई हमारे ऊपर भरोसा भी नहीं करता है।

खराब आदतें वाले लोग

नशा करने वाले लोगों से दूर रहना चाहिए। नशा परिवार को बर्बाद कर देता है। वहीं जो दो नंबर का काम करते हैं उनसे भी दूर रहने की भलाई है। जुआं सट्टा खेलने वालों की संगत भी खराब होती है। ये हमे बर्बाद कर देते हैं। ऐसे लोग हमे गलत राह दिखाते हैं। ये हमारी पीठ में भी छुरा घोंप सकते हैं। इनकी संगत परिवार का नाम खराब करती है।

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