अध्यात्म

गीता के इन उपदेशों के बारे में हर व्यक्ति को होना चाहिए मालूम, जीवन को मिलेगी नई राह

जीवन के इस कठिन मार्ग में व्यक्ति कभी ना कभी डगमगा अवश्य जाता है, मनुष्य का जीवन इतना सरल नहीं माना गया है, मनुष्य अपने जीवन में बहुत सी परिस्थितियों से गुजरता है, कभी व्यक्ति का जीवन अच्छा व्यतीत होता है तो कभी जीवन के मार्ग में बहुत सी कठिनाइयां उत्पन्न होने लगती है, ऐसी स्थिति में व्यक्ति को कोई ना कोई सहारे की आवश्यकता होती है।

अगर हम श्रीमद् भागवत गीता की बात करें तो इसमें भगवान कृष्ण जी ने अर्जुन को उपदेश दिए थे, कलयुग के प्रारंभ होने से पहले कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान कृष्ण जी ने अर्जुन को जो उपदेश दिए थे वह श्रीमद्भगवद्गीता के नाम से प्रसिद्ध है, श्रीमद भगवत गीता के 18 अध्याय में से पहले 6 अध्याय में कर्म योग फिर अगले 6 अध्याय में ज्ञान योग और अंतिम 6 अध्याय में भक्ति योग का उपदेश दिया गया है।

अगर आपको भी अपने मुश्किल समय में आत्मबल की आवश्यकता है तो आज हम आपको गीता में बताए गए ऐसे कुछ उपदेशों के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो आपको कठिन समय में आपको राह दिखाएंगे, इन उपदेशों को पढ़कर मनुष्य को नया रास्ता मिल सकता है।

आइए जानते हैं गीता के इन उपदेशों के बारे में

  • गीता में यह उल्लेख मिलता है कि व्यक्ति को हमेशा कर्म करते रहने चाहिए, उसको अपने द्वारा किए गए कर्मों के फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।
  • गीता में इस बात का जिक्र किया गया है कि आत्मा अमर है, आत्मा को ना शस्त्र काट सकता है और ना ही आग जला सकती है।
  • गीता में एक बहुत ही अच्छी बात बताई गई है कि व्यक्ति के कर्म से बढ़कर और कुछ नहीं होता है, जैसा व्यक्ति कर्म करेगा उसी के अनुसार व्यक्ति को फल मिलेगा, इसलिए व्यक्ति को हमेशा अपने जीवन में अच्छे कर्म करने चाहिए।
  • श्रीमद भगवत गीता के अनुसार जब मनुष्य की बुद्धि का नाश होता है तो वह स्वयं को भी नष्ट कर देता है।
  • भगवान श्री कृष्ण जी ने गीता में उपदेश देते हुए कहा है कि जब जब अधर्म बढ़ेगा, तब तब मैं अवतार लूंगा, भगवान कृष्ण जी ने कहा था कि धर्म की स्थापना के लिए मैं प्रत्येक युग में जन्म लेता आया हूं।

  • जो मनुष्य अपनी इंद्रियों पर संयम रखता है उस मनुष्य को शांति की प्राप्ति होती है।
  • श्रीमद्भागवत गीता में इस बात का उल्लेख किया गया है कि जो श्रेष्ठ पुरुष कार्य करते हैं आम मनुष्य भी वैसा ही कार्य करते हैं।
  • भगवान के श्री कृष्ण जी ने गीता के उपदेश में बताया था कि व्यक्ति जिस मन से मेरा नाम लेता है, मैं उसको वैसा ही फल प्रदान करता हूं।
  • गीता के उपदेश में भगवान कृष्ण जी ने बताया था कि शोक मत करो, मेरी शरण में आओ, मैं तुम्हें सभी पापों से मुक्ति दिला दूंगा।

ऐसे बहुत से धार्मिक ग्रंथ और शास्त्र हैं जिनमें मनुष्य के जीवन से जुड़ी हुई बहुत सी महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख किया गया है, इन्हीं में से एक श्रीमद्भागवत गीता है, भगवान कृष्ण जी ने श्रीमद् भागवत गीता में बहुत से उपदेश दिए थे, जिनमें से हमने आपको कुछ उपदेशो के बारे में जानकारी दी है, हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी हुई जानकारी अवश्य पसंद आई होगी, आप इसको अन्य लोगों में शेयर करना ना भूले।

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