कहानी

अकबर और बीरबल कहानी : सत्य कभी भी नहीं छुपता है और सबके सामने आ ही जाता है

एक बार अकबर के दरबार में चोरी हो जाती है और जिस वक्त ये चोरी होती है दरबार में चार सिपाही पहरा दे रहे होते हैं। चोरी होने के बाद अकबर इन चारों सिपाहियों को अपने दरबार में बुलाते हैं और इनसे कहते हैं, मुझे पता है कि तुम चारों में से ही किसी एक ने कल रात को दरबार में चोरी की है। इसलिए तुम चारों में से जिसने भी चोरी की है वो आगे आ जाएं। अगर चोर अपना गुनाह खुद कबूल कर लेगा, तो मैं उसे कड़ी सजा नहीं दूंगा। अकबर की ये बात सुनकर चारों सिपाही एक ही स्वर में कहते हैं, महाराज हमने कोई भी चोरी नहीं की है।

जिस वक्त अकबर चोर का पता लगाने की कोशिश में लगे होते हैं, उस समय दरबार में बीरबल भी मौजूद थे और वो इन चारों सिपाहियों की बातों को सुन रहे होते हैं। चोर का पता ना लगने पर अकबर बीरबल से कहते हैं, क्या तुम पता कर सकते हो की मेरे सामने खड़े इन चार सिपाहियों में से चोर कौन है? बीरबल अकबर से कहता है, हां मैं पता कर सकता हूं आप बस मुझे एक रात का समय दें। दरबार में मौजूद मंत्री बीरबल की ये बात सुनकर हैरान हो जाते हैं और सोच में पड़ जाते हैं कि बीरबल आखिर कैसे एक रात में ही असली चोर का पता लगा पाएगा।

वहीं चोर को पकड़ने की जिम्मेदारी मिलने के बाद बीरबल गहरी सोच में पड़ गए और कुछ देर बाद अकबर से कहते हैं, महाराज आप इन चारों को जेल में बंद कर दें। सुबह तक अपने आप ही ये पता चल जाएगा की कौन चोर है। बीरबल की ये बात सुनते ही अकबर उनसे पूछते हैं, आखिर कैसे ये पता चल सकेगा की कौन चोर हैं ? बीरबल कहते हैं, मेरे पास कुछ जादुई लकड़ियां हैं, जो मैं इन चारों को देने वाला हूं। जो भी चोर होगा उसकी लड़की अपने आप 3  इंच छोटी हो जाएंगी। ये कहकर बीरबल इन चारों को एक एक लकड़ी दे देते हैं और इन्हें जेल में बंद कर देते हैं।

सुबह होते ही बीरबल इन चारों को लकड़ी के साथ दरबार में बुलाते हैं और इन चारों को दी हुई लकड़ी इनसे वापस ले लेते हैं। इन चारों में से एक सिपाही की लकड़ी छोटी होती है और बीरबल तुरंत उस लकड़ी को देखकर बता देते हैं कि ये चोर है और सिपाही उस व्यक्ति को पकड़ कर जेल में डाल देते हैं। जिसके बाद बीबरल अकबर से बोलते हैं, महाराज चोर को लगा ये जादुई लकड़ी 3 इंच छोटी हो जाएगी और उसने इस डर से उसको दी गई लकड़ी को काटकर छोटा कर दिया। लेकिन ये कोई जादुई लकड़ी नहीं थी। बीबरल की ये बात सुनकर अकबर खुश हो जाते हैं और बीरबल की चतुराई की तारीफ करते हैं।

कहानी से मिली शिक्षा- इंसान चाहे कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन सत्य कभी भी नहीं छुपता है और सबके सामने आ ही जाता है। इसलिए आप अपने जीवन में कभी भी झूठ ना बोले और सदा सही रास्ते पर ही चलें।

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