अध्यात्म

जया किशोरी ने बताया- कब नहीं करना चाहिए संतान प्राप्ति के लिए प्रयास

जया किशोरी देश की चर्चित हस्तियों में शामिल है. बहुत छोटी सी उम्र में ही जया किशोरी का झुकाव अध्यात्म की ओर हो गया था. इसके चलते कम उम्र में ही उन्होंने कथा वचन शुरू कर दिया था. आज जया किशोरी देश की मशहूर कथा वाचक है. इसके अलावा वे मोटिवेशनल स्‍पीकर भी हैं.

अपनी कथा के साथ ही जया अपनी मोटिवेशनल स्‍पीच से भी लोगों का ध्यान खींचती रहती है. लाखों की संख्या में लोग उनकी कथा और उनकी मोटिवेशनल स्पीच के वीडियो सुनना पसंद करते हैं. सोशल मीडिया पर भी जया किशोरी काफी चर्चा में बनी रहती हैं.

अपनी कथाओं और मोटिवेशनल स्पीच में जया लोगों को दैनिक जीवन में काम आने वाली छोटी-छोटी बातों के बारे में भी बताती रहती है. वहीं एक कथा के दौरान उन्होंने बताया था कि संतान प्राप्ति के लिए किस समय दंपति को प्रयास नहीं करना चाहिए. वहीं कथा में यह भी बताया गया था कि किसने 100 साल तक गर्भधारण किया था.

महर्षि कश्‍यप और उनकी पत्‍नी दिति से संबंधित कथा का वर्णन जया किशोरी ने अपनी कथा के दौरान किया था. महर्षि कश्‍यप और उनकी पत्‍नी दिति की कहानी के माध्यम से जया ने लोगो को बताया था कि कौन सा समय संतान प्राप्ति के लिए उचित नहीं रहता है.

जया किशोरी ने कथा में बताया था कि, एक दिन संध्या काल में दिति अपने पति महर्षि कश्‍यप के पास आई और उनके समक्ष संतान प्राप्ति की इच्‍छा प्रकट की. तब अपनी पत्नी को समझाते हुए महर्षि कश्यप ने बताया था कि संतान प्राप्ति के लिए प्रयास करने का यह सही समय नहीं है.

महर्षि के समझाने के बाद भी दिति नहीं मानी. ऐसे में महर्षि कश्यप ने उन्हें कई तरह के तर्क वितर्क भी दिए. हालांकि फिर भी कोई बात नहीं बन पाई. ऐसे में न चाहते हुए भी पत्नी की संतुष्टि के लिए महर्षि कश्यप ने उनकी इच्‍छा पूरी कर दी. लेकिन पत्नी को उन्होंने यह भी कहा था ही संतान प्राप्ति का यह सही समय नहीं है तो उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

जुड़वा बेटों के माता-पिता बने थे दिति और महर्षि कश्यप

जया किशोरी ने अपनी कथा में यह भी बताया था कि दिति को 100 साल तक गर्भ धारण करना पड़ा था. दिति और महर्षि हिरण्याक्ष और हिरण्‍यकश्‍यप नामा के जुड़वा बेटों के माता-पिता बने थे.

बागेश्‍वर धाम के धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री संग जोड़ा गया जया किशोरी का नाम

jaya kishori

हाल ही के दिनों में जया किशोरी का नाम बागेश्‍वर धाम के पीठाधीश्‍वर पंडित धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री संग जोड़ा गया था. लेकिन यह महज एक अफवाह थी.

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