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वर्ल्ड कप: इंग्लैंड से हार के बाद सचिन का बड़ा बयान ‘जाधव की बजाए जडेजा को खिलाओ क्योंकि..’

गौरतलब हैं कि 30 जून रविवार कोआईसीसी क्रिकेट विश्वकप के अंतर्गत इंग्लैंड और भारत के बीच मैच हुआ था. इस मैच में मेज़बान टीम इंग्लैंड ने भारत को 31 रनों से हराया हैं. ये विश्वकप 2019 का 38वा मैच था जिसमे पहली बार भारत को हार का सामना करना पड़ा. इसके पहले भारत ने जितने भी मैच खेले थे उसमे उसकी जीत ही हुई थी. इस मैच में इंग्लैंड ने 50 ओवर में 337 रन बनाए थे जबकि भारत इतने ही ओवर में सिर्फ 306 रन ही बना सका. आकड़ों पर नजर डाले तो साल 1992 के बाद ये पहला अवसर था जब इंग्लैंड ने इंडिया को वर्ल्ड कप के किसी मैच में हराया हैं. इंग्लैंड ने अभी तक वर्ल्ड कप में कुल आठ मैच खेले हैं जिसमे से वे कल के मैच को मिलाकर 5 मैच जित चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने विश्वकप टेबल में 10 अंक हासिल कर टॉप 4 में स्थान हासिल कर लिया हैं.

भारत की हार के बाद कई लोग टीम में मौजूद खामियों को बाहर निकालने लगे हैं. सब अपने अपने लॉजिक से कह रहे हैं कि यदि ऐसा होता तो शायद भारत मैच जित जाती. इसी कड़ी में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी अपनी राय दी हैं. उन्होंने अपना ये सजेशन टीम को और ज्यादा बेहतर एवं मजबूत बनाने के लिए दिया हैं. दरअसल सची ने हाल ही में इंडिया टुडे ग्रुप से बातचीत करी. इस दौरान उन्होंने टीम मैनेजमेंट को जाधव की बजाए जडेजा को खिलाने की सलाह दी.

सचिन ने कहा कि – “आज के मैच मैं स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ इंग्लैंड के दो राईट हैंड बैट्समैन ((जॉनी बेयरस्टो और जेसन रॉय) जिस तरह का प्रदर्शन कर रहे थे उससे एक वेरिएशन ज़रूर आती है. यहाँ एक लेफ हैंड के स्पिनर के आने पर वो कुछ अलग करने की कोशिश कर सकता था. लेकिन यदि आप नंबर 7 पर जाधव को खिलाते हैं तो वो इस नंबर पर कोई इफ़ेक्ट करेगा या नहीं? इसकी बजाए तो आप जडेजा को खिलाइए. इससे उसके ओवर्स का सही उपयोग भी हो जाएगा. दरअसल ये एक ऐसा क्षेत्र हैं जहां टीम मैनेजमेंट को काम करना चाहिए.

सचिन ने आगे कहा “जैसे जैसे आप इस टूर्नामेंट में आगे बढ़ते जाते हैं आपको नए आइडियाज आने लगते हैं. मेरे ख्याल से 2 जुलाई के मैच (इंडिया Vs बांग्लादेश) में भी यही गलती होने की संभावना रह सकती हैं.”

बता दे कि टीम इंडिया की हार के बाद कई लोग महेंद्रसिंह धोनी और केदार जाधव पर निशाना साध रहे हैं. ओशल मीडिया पर लोगो का कहना हैं कि हम हारे उस बात का दुःख नही हैं लेकिन दुःख तो इस बात का हैं कि अंतिम समय में वे लोग कोशिश करते नजर नहीं आए. कुछ लोगो का यह भी कहना हैं कि हमारे पार अच्छे विकेट शेष थे और जब आपको 300 के पार का आकड़ा चेस करना हैं तो खुल कर खेलना चाहिए. दरअसल मैच के कुछ अंतिम ओवेर्स में लोगो को ऐसा लगा मानो धोनी और जाधव ने पहले से ही अपनी हार स्वीकार कर ली हैं और वे ज्यादा दम लगाकर खेल नहीं रहे हैं. खासकर जाधव का लगभग हर मैच में ख़राब प्रदर्शन होने के कारण ये टॉपिक ज्यादा उठ रहा हैं.

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