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शिवसेना के नाम और निशान पर शिंदे गुट का कब्जा, उद्धव ठाकरे से छीनी विरासत, चुनाव आयोग का फैसला

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है. शिवसेना को लेकर चल रही लड़ाई में उद्धव ठाकरे को हार मिली है. वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस लड़ाई में बाजी मार ली है. चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में फैसला लिया है.

महाराष्ट्र में लंबे समय से शिवसेना के नाम और निशान को लेकर शिंदे और उद्धव गुट के बीच जंग चल रही थी. इस जंग में जीत एकनाथ शिंदे की हुई है. अब शिवसेना का नाम और निशान ‘धनुष और तीर’ शिंदे गुट को मिल गया है. कभी उद्धव ठाकरे की रही शिवसेना अब एकनाथ शिंदे की हो चुकी है. इसका ऐलान चुनाव आयोग ने किया है.

बता दें कि चुनाव आयोग इसके लिए स्वतंत्र है कि किसे चुनाव चिन्ह दिया जाएगा. चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न के संबंध में फैसला (रिजर्वेशन एंड अलॉटमेंट) ऑर्डर 1968 के आधार पर लिया है. हालांकि इस फैसले से पहले चुनाव आयोग ने लंबे समय तक विचार विमर्श किया था.

शुक्रवार को चुनाव आयोग ने अपने इस बड़े फैसले में कहा कि, बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के चलते यह बिगड़ गया है. आयोग के मुताबिक़ इस तरह की पार्टी संरचना विश्वास हासिल नहीं कर सकती है.

अरविंद सावंत ने कहा- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

चुनाव आयोग के फैसले से जहां एकनाथ शिंदे गुट में खुशी का माहौल है तो वहीं चुनाव आयोग के फैसले से ठाकरे गुट नाखुश है. इस फैसले पर उद्धव गुट के अरविंद सावंत ने नाराजगी जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है.

उद्धव ठाकरे बोले- गद्दार हमेशा गद्दार रहता है

चुनाव आयोग का फैसला अपने पक्ष में न आने पर उद्धव ठाकरे ने भी नाराजगी जाहिर की है और इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा है कि, ”गद्दार हमेशा गद्दार रहता है. यह लोकतंत्र की हत्या है. नेता भले चले गए, लेकिन उनको नेता बनाने वाले मेरे पास हैं”.

शुक्रवार को चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान वे एकनाथ शिंदे एकनाथपर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि ”मैंने चुनाव आयोग से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक रुकना चाहिए. मगर ऐसा नहीं हुआ. आगे भविष्य में कोई भी विधायकों या सांसदों को खरीदकर मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बन सकता है”.

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