अध्यात्म

हनुमानजी को क्यों लगाया जाता है सिंदूर? माता सीता से है कनेक्शन, पढ़ें रोचक कहानी

हनुमानजी को भगवान राम का सबसे बड़ा भक्त कहा जाता है। कहते हैं कि एक बार हनुमानजी को प्रसन्न कर दो फिर भगवान राम अपने आप खुश हो जाते हैं। हनुमानजी को खुश करने के कई उपाय हैं। जैसे मंगलवार का उपवास, चना-चिरोंजी का प्रसाद, तेल का दीपक, हनुमान चालीसा इत्यादि। इनमें हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा भी काफी प्रसिद्ध है।

हनुमानजी को प्रिय है सिंदूर

मान्यता है कि मंगलवार को यदि हनुमानजी को सिंदूर घी या चमेली के तेल में सिंदूर मिलकर चढ़ाया जाए तो हर मुराद पूरी होती है। आप ने भी नोटिस किया होगा कि जब भी हनुमानजी को सिंदूर चढ़ता है तो पूरे शरीर में लगाया जाता है। ऐसे में क्या आप ने कभी सोचा है कि आखिर हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाने की ये परंपरा कैसे शुरू हुई? क्या वजह है जो उन्हें सिंदूर इतना प्रिय है कि वह इसे पूरे शरीर में लगा लेते हैं? चलिए जानते हैं।

ऐसे शुरू हुई सिंदूर लगाने की परंपरा

हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा के पीछे एक रोचक कथा है। इस कथा का जिक्र रामायण में भी देखने को मिलता है। एक बार माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही थी। उन्हें ऐसा करता हुआ हनुमानजी ने देख लिया। उन्होंने माता सीता से पूछा ‘हे माते! आप अपनी मांग में ये सिंदूर क्यों लगाती हैं?’

माता सीता बोलीं ‘मेरे मांग में सिंदूर लगाने से भगवान राम प्रसन्न होते हैं। उनकी आयु लंबी होती है। इसलिए मैं रोज एक चुटकी सिंदूर अपनी मांग में भर लेती हूँ।’ यह सुन हनुमानजी का दिमाग तेजी से चलने लगा। उन्हें एक तरकीब सूझी।

हनुमानजी ने सोचा माता सीता के एक चुटकी सिंदूर लगाने से श्रीराम प्रसन्न होते हैं, उनकी आयु भी बढ़ती है। यदि मैं अपने पूरे शरीर में सिंदूर लगा लूं तो श्रीराम कितने खुश होंगे। और उनकी आयु तो इतनी बढ़ जाएगी कि वे अमर हो जाएंगे। यह सोच हनुमानजी बड़े खुश हुए।

बस फिर क्या था। हनुमान अपने पूरे शरीर में सिंदूर लगाकर भगवान राम के पास जा पहुंचे। हनुमान को ऐसा देख रामजी हैरान रह गए। उन्होंने इसकी वजह पूछी। जब हनुमानजी ने कारण बताया तो भगवान राम बेहद खुश हुए। उन्होंने खुशी से हनुमान को गले लगा लिया। और हनुमान को आशीर्वाद दिया कि मंगलवार को जो भी श्रद्धा से तुम्हें सिंदूर और तेल अर्पित करेगा उसकी हर मनोकामना पूर्ण होगी।

बस तभी से हर मंगलवार हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाया जाने लगा। और ये मान्यता भी प्रचलित हो गई कि उन्हें सिंदूर अतिप्रिय है। इसलिए यदि आपके मन में भी कोई मनोकामना है तो मंगलवार के दिन हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़ाना न भूलें।

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