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किसी मुस्लिम से शादी नहीं करेंगी उर्फी जावेद, कहा- मैं 17 साल की थी तब पिता ने मुझे और बहनों को

उर्फी जावेद अक्सर सोशल मीडिया पर बवाल मचाती रहती है. वे अपनी बोल्ड तस्वीरों और वीडियो से सोशल मीडिया यूजर्स के बीच चर्चा का विषय बनती रहती है. मुस्लिम धर्म से संबंध रखने वाली उर्फी जावेद बिग बॉस ओटीटी में हिस्सा लें चुकी हैं. बिग बॉस ओटीटी में हिस्सा लेने के बाद से ही उन्हें खूब लोकप्रियता मिल गई थी.

urfi javed

बता दें कि उर्फी की पहचान इसके अलावा एक्ट्रेस और मॉडल के रूप में भी है. उर्फी अपनी बेबाकी के लिए भी जानी जाती है. उन्होंने कई मौकों पर अपनी बेबाकी दिखाई. है. हाल ही में अभिनेत्री ने एक साक्षात्कार में हिस्सा लिया था जहां उन्होंने बताया कि वे मुस्लिम होने के बावजूद इस्लाम में विश्वास नहीं रखती है. साथ ही उन्होंने कहा कि वे किसी मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करेंगी.

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अपने ड्रेसिंग सेंस और बोल्ड अवतार को लेकर हमेशा से सोशल मीडिया यूजर्स के बीच चर्चा में रहने वाली उर्फी इस बार अपने बयान के कारण चर्चा में है. उर्फी ने दावे के साथ यह बात कही कि वे मुस्लिम होने के बावजूद कभी किसी मुस्लिम व्यक्ति से शादी नहीं करेंगी.

उर्फी ने कहा कि, ”मैं एक मुस्लिम लड़की हूं. मुझे मिलने वाले अधिकांश अभद्र कमेंट्स मुस्लिम लोगों के हैं. उनका कहना है कि मैं इस्लाम की छवि खराब कर रही हूं. वे मुझसे नफरत करते हैं क्योंकि मुस्लिम पुरुष चाहते हैं कि उनकी महिलाएं एक निश्चित तरीके से व्यवहार करें. वे समुदाय की सभी महिलाओं को नियंत्रित करना चाहते हैं. मैं इस वजह से इस्लाम को नहीं मानती. उनके मुझे ट्रोल करने का कारण यह है कि मैं उस तरह का व्यवहार नहीं करती, जैसा वे मुझसे अपने धर्म के अनुसार उम्मीद करते हैं”.

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आगे अभिनेत्री और मॉडल उर्फी जावेद ने बताया कि, ”मैं कभी किसी मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करूंगी. मैं इस्लाम में विश्वास नहीं करती और मैं किसी भी धर्म का पालन नहीं करती, इसलिए मुझे परवाह नहीं है कि मैं किससे प्यार करती हूं. हम जिससे चाहें शादी कर लें”.

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उर्फी ने आगे अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि, ”मेरे पिता बहुत ही रूढ़िवादी व्यक्ति थे. जब मैं 17 साल की थी तब वो मुझे और मेरे भाई-बहनों को हमारी मां के पास छोड़ गए थे. मेरी मां बहुत धार्मिक महिला हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी हम पर अपना धर्म नहीं थोपा. मेरे भाई-बहन इस्लाम का पालन करते हैं और मैं नहीं करती, लेकिन वे इसे मुझ पर कभी नहीं थोपते. ऐसा ही होना चाहिए. आप अपनी पत्नी और बच्चों पर अपना धर्म थोप नहीं सकते. यह दिल से आना चाहिए, नहीं तो ना ही आप और ना ही अल्लाह इससे खुश होंगे”.

 

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