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गैस गीजर बना धीमी मौत, बाथरूम में थमी पति-पत्नी की सांसें, एक छोटी सी गलती से हुआ बड़ा हादसा

टेक्नॉलजी जितनी एडवांस होती है सुविधा भी उतनी बढ़ जाती है। लेकिन कभी-कभी ये सुविधा दुविधा या दुख का कारण भी बनती है। अब बाथरूम में पानी गरम करने वाले गीजर को ही देख लीजिए। इससे जुड़े हादसों की खबरें अक्सर सामने आती रहती है। ताजा मामला गाजियाबाद का है। यहां होली के बाद नहाने गए दंपति की बाथरूम में ही मौत हो गई। इसकी वजह गैस गीजर बना। कपल की एक छोटी सी गलती से ये बड़ा हादसा हो गया।

मौत बनकर आया गैस गीजर

बात 8 मार्च बुधवार की है। इस दिन पूरा देश होली के रंग में डूबा था। अग्रसेन मार्केट में एक दंपति ने भी धूमधाम से होली मनाई थी। होली खेलने के बाद दोनों बाथरूम में नहाने चले गए थे। पानी गरम करने के लिए गैस गीजर ऑन किया था। कपल बहुत देर से बाथरूम में था। जब घंटों बाद भी बाहर नहीं आया तो बच्चों को शक हुआ। उन्होंने आवाज दी, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। ऐसे में बच्चों ने शोर मचाकर आसपड़ोसी को बुला लिया।

जब लोगों ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर दंपति बेहोशी की हालत में मिले। आनन फानन में दोनों को गाजियाबाद के अस्पताल ले जाया गया। लेकिन जब सांसें चेक की गई तो डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। इस हादसे की खबर जल्द पुलिस को भी दी गई। पुलिस मौके पर आकर दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए ले गई। पुलिस ने बाथरूम का जायजा भी लिया। इस जांच में दोनों के मौत की वजह सामने आ गई। आमतौर पर गैस गीजर के फटने या बिजली गीजर में करंट लगने से लोगों की मौत होती है। लेकिन यहां मामला कुछ और था।

इस कारण थम गई सांसें

दरअसल बाथरूम में वेंटिलेशन की कोई व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में गैस गीजर की वजह से वहां ऑक्सीजन की कमी हो गई। बस इसी के चलते कपल बेहोश होकर गिर गया। फिर कुछ देर बाद उनकी सांसें थम गई। जांच में दंपति की पहचान दीपक गोयल और शिल्पी गोयल के रूप में हुई है। दोनों के दो बच्चे भी हैं। बच्चों का मां बाप की मौत के बाद रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।

इस मामले में एसीपी निमिष पाटिल ने बताया कि हम हादसे की जांच कर रहे हैं। शुरुआती छानबीन में यही बात सामने आई कि गैस गीजर की वजह से बाथरूम में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी। बाथरूम में वेंटिलेशन भी नहीं था। यही चीज शायद कपल की मौत की वजह बनी। यदि कपल बाथरूम में गैस गीजर रखने से पहले वेंटिलेशन बनवा लेता तो उनके बच्चे आज अनाथ नहीं हुए होते।

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