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बेटों के पास 30 करोड़ की संपत्ति, लेकिन मां-बाप को रखा भूखा, IAS के दादा-दादी ने की आत्महत्या

हरियाणा के चरखी दादरी निवासी आईएएस विवेक आर्य के दादा-दादी अब इस दुनिया में नहीं रहे। बता दे दंपति की मौत कोई प्राकृतिक तरीके से नहीं हुई है बल्कि उन दोनों ने सुसाइड कर लिया। इसके पीछे की वजह बताई जाती है कि बेटों के पास करीब 30 करोड़ की संपत्ति है लेकिन इन माता-पिता को खिलाने के लिए उनके पास दो वक्त की रोटी तक नहीं है।

बता दें जैसे ही दंपति ने सुसाइड किया तो सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ यह मामला चर्चा का विषय बन गया। पोता आईएएस होने के बावजूद दादा-दादी की इस तरह की मौत हर किसी को हैरान कर रही है। बता दे इस मामले का खुलासा तब हुआ जब दंपति ने दम तोड़ने के कुछ देर पहले ही पुलिस को सुसाइड नोट थमा दिया जिसमें उन्होंने कई बातें लिखी थी।

vivek arya

दंपत्ति ने खाली सल्फास की गोलियां
बता दें, 78 वर्षीय जगदीशचंद्र और 77 वर्षीय भागली देवी अपने बेटे विरेंद्र के पास बाढड़ा में रहते थे। दोनों ने सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या की है। बुजुर्ग दंपति चरखी दादरी में आईएएस विवेक आर्य के दादा दादी थे, उनके पिता का नाम वीरेंद्र है जबकि विवेक 2021 में ही आईएएस अधिकारी चुने गए हैं। वह इस समय अंडर ट्रेनी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 29 मार्च की रात को जगदीश चंद्र और उनकी पत्नी ने सल्फास खा लिया जिसके बाद किसी ने पुलिस कंट्रोल में इसकी जानकारी दी। जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची तो दंपति ने सुसाइड नोट थमा दिया। इसके बाद दंपती की हालत बिगड़ती गई और फिर उन्हें तुरंत अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन उपचार के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया।

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सुसाइड नोट में लिखीं रुला देने वाली बातें
पुलिस के हाथ लगा सुसाइड नोट में जगदीश चंद्र ने लिखा कि, “मैं जगदीश चंद्र आर्य आपको अपना दुख सुनाता हूं। मेरे बेटों के पास बाढड़़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उन के पास मुझे देने के लिए दो रोटी नहीं हैं। मैं अपने छोटे बेटे के पास रहता था। 6 साल पहले उसकी मौत हो गई। कुछ दिन उसकी पत्नी ने रोटी दी, लेकिन बाद में उसने गलत काम धंधा करना शुरू कर दिया। मेरे भतीजे को अपने साथ ले लिया। मैने इसका विरोध किया तो उनको यह बात अच्छी नहीं लगी। क्योंकि मेरे रहते हुए वे दोनों गलत काम नहीं कर सकते थे। इसलिए उन्होंने मुझे पीटकर घर से निकाल दिया।”

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आर्य समाज को दान कर दे संपत्ति
आगे बुजुर्ग ने लिखा कि, “मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा और फिर आया तो इन्होंने मकान को ताला लगा दिया। इस दौरान मेरी पत्नी को लकवा आया और हम दूसरे बेटे के पास रहने लगे। अब उन्होंने भी रखने से मना कर दिया और मुझे बासी आटे की रोटी और दो दिन का दही देना शुरू कर दिया। ये मीठा जहर कितने दिन खाता, इसलिए मैंने सल्फास की गोली खा ली। मेरी मौत का कारण मेरी दो पुत्रवधु, एक बेटा व एक भतीजा है।

जितने जुल्म इन चारों ने मेरे ऊपर किया, कोई भी संतान अपने माता-पिता पर न करे। मेरी सुनने वालों से प्रार्थना है कि इतना जुल्म मां-बाप पर नहीं करना चाहिए और सरकार और समाज इनको दंड दे। तब जाकर मेरी आत्मा को शांति मिलेगी। मेरी जमा पूंजी बैंक में दो एफडी और बाढड़़ा में दुकान है वो आर्य समाज बाढड़ा को दी जाए।”

कुमार विश्वास ने शेयर किया ट्वीट
बता दे इस मामले पर कई लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। वही खुद डॉक्टर कुमार विश्वास ने भी इस पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, “लगा अगर गेहूं में कीड़ा बाहर से मँगवाओगे, घुना हुआ चारित्र्य देश का उसे कहाँ से लाओगे?” सपा नेता जितेंद्र वर्मा ने कहा कि, “ऐसे आईएएस को नौकरी से बर्खास्त कर देना चाहिए।”


वहीं पत्रकार अजीत अंजुम ने कहा कि, “ऐसे बेटों और बहुओं पर लानत है।” इसके अलावा पत्रकार शोभना यादव ने कहा कि, “आज माँ-बाप बूढ़े है, असहाय है, आप पर निर्भर है लेकिन कल आप भी असहाय थे, उनपर निर्भर थे और कल फिर आप किसी और पर निर्भर हो जाओगे.. लोग भूल क्यों जाते हैं?”

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