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मानसून होने पर इन 5 त्वचा रोगों के होने का होता है खतरा, इस तरह करें इनसे बचाव

मानसून ने दस्तक दे दी है और ऐसे में लोगों को कीटाणुओं से बचकर रहना चाहिए क्योंकि बारिश के पानी से कुछ कीटाणु पनपते हैं जो हमें दिखते नहीं है लेकिन उनका असर हमारी सेहत पर बहुत बुरा असर डालती है. मानसून एक तरह से राहत तो देता लेकिन इसके साथ ही चिलचिलाती गर्मी और बेहिसाब बारिश में अनगिनत बीमारियां भी देता है जो सेहत के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं होता है. मानसून अपने साथ कई संक्रामक बीमारियां लाता है. मानसून होने पर इन 5 त्वचा रोगों के होने का होता है खतरा, चलिए बताते हैं कौन सी हैं वे बीमारियां.

मानसून होने पर इन 5 त्वचा रोगों के होने का होता है खतरा

कई विशेषज्ञों के अनुसार मानसून में त्वचा रोग, वायरल और मच्छरों से जुड़ी बीमारियां हो जाती हैं. इस मौसम में होने वाली ज्यादातर त्वचा संबंधी बीमारियां बच्चों में हो जाती हैं और आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसी ही कुछ बीमारियों के बारे में बताएंगे.

दाद

दाद एक तरह का त्वचा से संबंधित संक्रामक रोग है जो अक्सर छूने से भी फैल जाता है. इसे कुछ लोग फंगल इंफेक्‍शन भी कहते हैं, जो एक गोल या अंगूठी के आकार के दाने के रूप में होते हैं. यह आमतौर पर एक छोटे, खुजली, लाल या पपड़ीदार पैच के रूप में शुरू होकर स्‍कैल्‍प सहित शरीर के दूसरे भागों में फैलता है. अगर आपको इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्‍टर की सलाह लें.

नेल इंफेक्शन

बारिश के मौसम में नाखूनों में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा आम होता है. पसीने के कारण आप लगातार खुजली करते रहते हैं और बॉडी के कीटाणु नाखूनों में चले जाते हैं. नाखून के रंग बदल जाते हैं, मुरझा जाते हैं और वे खुरदुरे से नजर आने लगते हैं. नाखूनों के आसपास लाल, सूजी हुई और खुजलीदार त्वचा भी हो सकती है और ऐसा अक्‍सर दूषित पानी के संपर्क में आने के कारण होता है तो इनसे बचकर रहें.

सोरायसिस

सोरायसिस एक तरह की गंभीर त्वचा वाली बीमारी होती है जो एक अतिसक्रिय प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण हो जाती है. इसके लक्षणों में आपको त्वचा का फड़कना, सूजन, सफ़ेद मोटी परत, लाल पैच जैसी चीजें दिखाई देंगी. यह बीमारी आनुवांशिक भी हो जाती है. मौसम बदलने के साथ आपके शरीर में ऐसे लक्षण भी दिखने लगेंगे और अगर ऐसा हो तो डॉक्टर से सलाह लें.

एथलीट फुट

एथलीट फुट एक संक्रमण बीमारी है जिससे पैरों में लाल चकत्ते, खुजली और नम दाने हो जाते हैं. आमतौर पर ये पैर की अंगुलियों से शुरु होता है और जलन, फटी त्वचा, फफोले और दुर्गंध वाले पैरों के साथ दूसरी जगहों पर फैलने लगते हैं. यह अक्सर नंगे पैर पानी में दौड़ने या खेलने से हो जाता है.

हीट रैश

यह एक तरह की लाल, फुंसी होती है जो गर्म और नम मौसम के मिलने से हो जाती है. इस तरह की जलवायु से आपके बच्चे और कुछ बड़ों को बहुत पसीना आता है और इससे रोम छिद्र बंद हो जाते हैं. अगर पसीना अवरुद्ध होता है तो गर्मी का दाने आमतौर पर गर्दन पर, बाहों के नीचे, पीछे या डायपर एरिया के किनारों के पास विकसित हो जाते हैं.

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