समाचार

नीचे गहरी खाई, ऊपर प्यास की तलब, पानी के लिए रोज जान हथेली पर रखती है ये आदिवासी महिलाएं -Video

शहरों में लोगों को पानी की कोई वैल्यू नहीं होती है। उनके घरों में नल कनेक्शन लगे होते हैं। जिससे जब चाहो, जितना चाहो पानी आ जाता है। लेकिन गांवों में ऐसी सुविधा नहीं होती है। उन्हें एक बाल्टी पानी लाने के लिए भी बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं। यहां तक कि कुछ लोग अपनी जान जोखिम में डालकर पानी लाते हैं। अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को ही देख लीजिए।

पानी के लिए मौत से पंगा ले रही महिलाएं

इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे कुछ महिलाएं दो पहाड़ियों पर बने एक पतली सी लकड़ी के पूल पर चढ़कर पानी लेकर जा रही हैं। यह पेड़ का तना एक गहरी नदी के ऊपर पूल का काम कर रहा है। हालांकि इस पर सिर पर मटके लेकर चलना हर किसी के बस की बात नहीं है। गाँव के कई लोग नदी में गिरे भी हैं।

यह हैरान करने वाला नजारा महाराष्ट्र के त्रंबकेश्वर तालुका के खरशेत ग्राम पंचायत का है। यहां 25 छोटी-छोटी बस्तियां हैं। इनमें 300 से ज्यादा आदिवासी निवास करते हैं। इन लोगों को पीने का पानी लाने के लिए रोज पूल पर चढ़ना होता है। ये पूल बस पेड़ के एक तने का बना हुआ है जो दिखने में बेहद खतरनाक लगता है। इस पर मटके के साथ संतुलन बनाना बहुत मुश्किल होता है।

एक छोटे से पूल पर बनाती हैं गजब का बैलेंस

दरअसल महिलाएं जिस नदी के ऊपर बने पूल को पार करती हैं उसका पानी काफी गंदा होता है। ये पीने योग्य नहीं होता है। इसलिए वे झरने से पानी भरकर लाती हैं। ऐसा वे रोज करती हैं। वह जिस खतरनाक पूल को पार करती हैं वह 25 फूट गहरा है। यह नदी हरसुल से बहकर आती है। इस नदी के दोनों तरफ काली चट्टानें हैं।

इस वीडियो को ट्विटर पर आदिवासी दस्तक नाम के ट्वीटर हैंडल ने साझा किया है। वीडियो के साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा – महाराष्ट्र के नासिक में आदिवासी महिलाओं को (25) फीट गहरी नदी के तल के ऊपर से लकड़ी के डंडे पर चलकर पीने का पानी लाने के लिए सिर पर रोज बर्तन ढोना पड़ता है। न्यू इंडिया में आदिवासी इलाकों को बयां करती वास्तविक विडियो है।

पहले भी पानी के लिए जान जोखिम में डालती दिखी महिलाएं

बता दें कि इसके पहले मध्य प्रदेश के डिंडोरी के घुसिया गांव में भी ऐसा नजारा देखने को मिला था। यहां महिलाएं पानी के लिए कुएं में उतरते और चढ़ते हुए दिखाई दी थी।

उम्मीद है कि आप पानी की कीमत समझ चुके हैं और अब इसे व्यर्थ नहीं बहाएंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button