बॉलीवुड

जब ‘विलेन’ प्राण को देखते ही निकल गई थी दोस्त की बहन की चीखें, कहा-ऐसे गुंडे को घर क्यों बुलाया

हिंदी सिनेमा के ‘खलनायक’ कहे जाने वाले मशहूर अभिनेता प्राण साहब ने अपने करियर में कई फिल्मों में काम किया है। प्राण अपने खास अंदाज और डायलॉग के लिए जाने जाते थे। उनके डायलॉग बोलने का अंदाज इतना अलग था कि लोग उनकी आवाज सुनते ही उनके दीवाने हो जाते थे। वही ‘बरखुरदार’ कहने वाला डायलॉग आज भी फैंस के बीच पॉपुलर है। बता दे आज 12 फरवरी को प्राण का 103 वां जन्मदिन है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें..

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एक्टिंग से पहले होटल में काम करते थे प्राण
कहा जाता है कि फिल्मों में काम करने से पहले प्राण साहब पैसों की तंगी के कारण एक होटल में काम किया करते थे। इसके बाद उन्हें देवानंद की फिल्म ‘जिद्दी’ में काम करने का मौका मिला। पहली फिल्म से प्राण अपनी एक्टिंग से लोगों का ध्यान खींचने में कामयाब रहे। इसके बाद उन्हें एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम करने का मौका मिला और फिर धीरे-धीरे वह बॉलीवुड इंडस्ट्री के खलनायक बन गए। इतना ही नहीं बल्कि प्राण साहब ने अपने किरदार इतने बखूबी निभाया कि लोगों ने असल जिंदगी में भी गुंडा समझने लगे थे। इस बात का खुलासा खुद प्राण साहब ने किया था।

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दरअसल, प्राण ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह अपने एक अच्छे दोस्त की रिक्वेस्ट के बाद उनके घर चले गए थे। जब प्राण अपने दोस्त के घर पहुंचे तो दोस्त की बहन आ गई थी। जैसे ही दोस्त की बहन ने प्राण साहब को देखा तो उनके होश उड़ गए और उन्हें सच में गुंडा समझ लिया।

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इसके बाद प्राण साहब वहां से चले गए और फिर उनके दोस्त ने ने बताया कि, “आज मेरी बहन कह रही थी कि ऐसे गुंडे- मवाली लोगों को घर पर लाने की क्या जरुरत है।” खास बात यह है कि प्राण साहब को इस कमेंट पर जरा भी बुरा नहीं लगा बल्कि उन्हें अपनी अदाकारी पर फक्र हुआ और उन्होंने दोस्त की बहन का यह कमेंट कॉम्प्लिमेंट के तौर पर ले लिया।

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हीरो से ज्यादा फ़ीस लेते थे प्राण साहब
बता दे प्राण साहब ने अपने करियर में कई फिल्मों में काम किया। वह हिंदी और पंजाबी फिल्मों में अहम किरदारों में दिखाई दिए।उन्होंने अपने करियर में करीब 362 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया। इतना ही नहीं बल्कि एक समय पर वह हीरो से ज्यादा फीस लेने वाले खलनायक थे। उन्होंने अपने करियर में ‘मधुमति’, ‘आजाद’, ‘दिल दिया दर्द लिया’, ‘राम और श्याम’, ‘देवदास’, ‘बंजारन’, ‘देश परदेश’, ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘वारदात’ जैसी कई फिल्मों में काम किया। उन्हें पद्मभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा दादा साहब फाल्के पुरस्कार भी वह अपने नाम कर चुके थे।

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